AC Side Effects: गर्मियों के मौसम में एसी की हवा में रहना किसको नहीं पसंद। एसी आजकल हर किसी के घर में होता है। दफ्तर, स्कूल हर जगह एसी लगे हैं। ऐसे में हमारा शरीर एसी की हवा का आदि हो गया है। जहां पहले लोग पंखे की हवा में खुद को संतुष्ट कर लेते थे, अब एसी भी उन्हें पूरी तरह ठंडक नहीं दे पाता है। मगर क्या आप जानते हैं हर समय एसी की हवा में बैठना आपके शरीर को गंभीर बीमारियों की तरफ धकेल रहा है। चलिए, जानते हैं एसी कैसे हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा रहा है।
एसी की हवा में रहने के 5 नुकसान
एक रिसर्च के अनुसार, जो लोग हमेशा एयर कंडीशनर की हवा में बैठते हैं, उनका शरीर नेचुरल वेंटिलेशन सिस्टम को एक्सेप्ट नहीं कर पाता है। ‘सिक बिल्डिंग सिंड्रोम’ एक ऐसा मेडिकल टर्म है जिसके चलते शरीर की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है। एसी की हवा में रहने से रेस्पिरेटरी, स्किन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। जैसे:-
डिहाइड्रेशन
एसी की हवा शरीर को ठंडक पहुंचाती है, मगर शरीर के जलस्तर को कम कर देती है। दरअसल, एसी की हवा से शरीर का जो प्राकृतिक फ्लूड होता है, वह सूखने लगता है, जो डिहाइड्रेशन की समस्या पैदा करता है।
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ड्राई स्किन
एसी की हवा से न सिर्फ शरीर, बल्कि त्वचा भी सूखने लगती है। इससे ड्राई स्किन की समस्या होती है। ड्राई स्किन से आंखों में भी ड्राइनेस होने लगती है। एसी की हवा से त्वचा खिंची-खिंची और बेजान होने लगती है। ड्राई स्किन से खुजली की समस्या भी होती है।
सांस लेने में परेशानी
हालांकि, एसी की हवा से हमें हवा महसूस होती है, शरीर को ठंडक मिलती है, मगर एसी की हवा से सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। एसी की हवा से श्वास नली में ड्राइनेस होने लगती है और नाक भी सूखने लगती है। इस स्थिति में सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है। नाक से हवा लेने में इतनी कठिनाई होती है कि इंसान मुंह से सांस लेने लगता है। मुंह से सांस लेने पर हवा के साथ धूल-मिट्टी भी शरीर के अंदर चले जाते हैं।
जोड़ों व हड्डियों में दर्द
एसी की हवा शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाती है। एसी की ठंडी हवा जोड़ों में हो रहे दर्द को बढ़ाने का काम करती है। खासतौर पर, बुजुर्गों के साथ ऐसा जरूर होता है। इन लोगों को एसी की हवा से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
क्लाइमेट चेंज में परेशानी
जो लोग एसी की हवा पर पूरी तरह निर्भर रहते हैं, ऐसे लोगों को मौसम या जगह बदलते ही तरह-तरह की समस्याएं होने लगती हैं, क्योंकि इनका शरीर सिर्फ एक ही मौसम को अडैप्ट कर पाता है। इन लोगों को वातावरण में बदलाव होते ही बीमारियां घेर लेती हैं। ऐसे लोगों का शरीर नेचुरल टेम्परेचर को बिल्कुल भी सहन नहीं कर पाता है।
इन तरीकों से एसी की हवा का उपयोग करें
- अगर आप हमेशा एसी में रहते हैं, तो अपने हाइड्रेशन का ख्याल रखें, दिनभर में लगभग 3-4 लीटर पानी पिएं।
- ह्यूमिडिफायर को घर में लगाएं। इस उपकरण से घर में मॉश्चर की कमी नहीं होगी।
- ज्यादा समय तक एसी को चलने न दें, रूम का टेम्परेचर ठंडा होने पर उसे बंद कर दें। ऐसा करने से शरीर ठंडा होने से बचेगा और हड्डियों में दर्द भी नहीं होगा।
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