DeepSeek AI Concern For US: DeepSeek को लेकर अमेरिका में चिंता बढ़ रही है, और व्हाइट हाउस इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर देख रहा है। अमेरिकी अधिकारी यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि एआई तकनीक में देश की बढ़त बनी रहे। वहीं, ट्रंप इसे अमेरिकी कंपनियों के लिए एक अवसर के रूप में देख रहे हैं, जिससे वे कम खर्च में और अधिक एडवांस सॉल्यूशन निकाल सकें।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मंगलवार को जानकारी दी कि इस बीच अमेरिकी अधिकारी ऑफिशियल चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐप DeepSeek के नेशनल सिक्योरिटी पर पड़ने वाले प्रभावों की समीक्षा कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के क्रिप्टो और एआई मामलों के प्रमुख डेविड सैक्स ने कहा कि इस तकनीक में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी चोरी की संभावना हो सकती है।
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की चोरी का संदेह़
फॉक्स न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में डेविड सैक्स ने इससे जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हां, यह संभव है। एआई में ‘डिस्टिलेशन’ नाम की एक टेक्नोलॉजी होती है, जहां एक मॉडल दूसरे मॉडल से सीखता है। ऐसे में इसकी पूरी संभावना है।
इतना ही नहीं, व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) DeepSeek के प्रभावों की समीक्षा कर रही है। कैरोलिन लेविट ने इसे अमेरिकी एआई इंडस्ट्री के लिए एक जागने का सही समय बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन अमेरिका की ‘एआई प्रभुत्व’ को बनाए रखने के लिए काम कर रहा है।
डेविड सैक्स ने आगे कहा कि आने वाले महीनों में अमेरिका की टॉप एआई कंपनियां डिस्टिलेशन को रोकने के लिए कदम उठाएंगी। इससे नकली (कॉपीकैट) मॉडल की ग्रोथ धीमी हो सकती है।
अमेरिका ने पहले ही लगाए थे प्रतिबंध
पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने चीन की एआई के विकास को रोकने के लिए एआई चिप्स और उनसे जुड़े हुए उपकरणों के निर्यात पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। लेकिन सैक्स ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा कि अमेरिकी एआई कंपनियां थोड़ी भटक गईं।
ट्रंप ने क्या कहा?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि DeepSeek का विकास अमेरिकी कंपनियों के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा। उन्होंने स्वीकार किया कि चीन ने तेज और सस्ते AI सॉल्यूशन विकसित किए हैं, लेकिन यह अमेरिका के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
ट्रंप ने कहा कि चीनी लीडर्स ने मुझसे कहा कि अमेरिका के पास दुनिया के सबसे बेहतरीन वैज्ञानिक हैं। अगर चीनी कंपनियां सस्ती एआई तकनीक विकसित कर सकती हैं, तो अमेरिकी कंपनियां भी इसका फॉलो करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि हमेशा हमारे पास सबसे पहले विचार आते हैं। हम आगे बढ़ते रहते हैं। इससे अरबों-खरबों डॉलर की बचत होगी और हम बेहतर समाधान निकाल सकेंगे।
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