Self-Developed AI Tools: इस साल की शुरुआत से ही Artificial Intelligence यानी AI का तेजी से विकास हुआ है। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में खुद के AI चैटबॉट पेश किए जिसने मार्केट में हलचल पैदा कर दी है। आज करोड़ों लोग इनका यूज कर रहे हैं। बार्ड और बिंग से लेकर, GPT-4 के साथ ChatGPT के और भी ज्यादा पावरफुल होने तक, ये साल AI Development से भरा रहा।
खुद बनेंगे AI टूल्स!
अभी हाल ही में, Google ने जेमिनी पेश किया था जिसने कई बेंचमार्क टेस्टिंग में ChatGPT को भी हरा दिया है, लेकिन कुछ दिन पहले एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिसने सभी के होश उड़ा दिए हैं। जी हां, अब AI उस लेवल तक पहुंच गया है जहां वह खुद से छोटे AI टूल्स बना सकता है और खास बात यह है कि इसके लिए किसी इंसान की भी जरूरत नहीं है।
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कोड को किया क्रैक
बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, MIT और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (University of California) के साइंटिस्ट्स की एक टीम ने ऐज़िप नाम की एक AI टेक कंपनी के साथ हाथ मिलाया है, और उन्होंने बड़े AI मॉडल को अपने दम पर छोटे AI साइडकिक्स तैयार करने के लिए कोड को क्रैक किया है। आसान शब्दों में कहें तो अब बड़े AI टूल्स की मदद से AI खुद छोटे टूल्स बनाएगा।
Self-Developed AI की दिशा में ये पहला कदम
एज़िप कंपनी के सीईओ ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि वे ऑटोमेटिक तरीके से अब छोटे AI टूल्स बना रहे हैं जो उन मेगा एआई मॉडल का यूज कर रहे हैं, जो ChatGPT चला रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि Self-Developed AI की दिशा में ये पहला कदम है।
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Self-Developed AI कितना सही?
हालांकि Self-Developed AI जितना अच्छा लग रहा है उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। AI के हाथ में इतना कंट्रोल देना हमें नहीं लगता सही है। AI गूगल पर मौजूद डाटा को किस तरह से यूज करता है इस पर भी एक सवाल बना हुआ है। कुछ एक्सपर्ट्स भी इस पर चिंता जाहिर कर चुके हैं।