Phone Charger Buying Tips: स्मार्टफोन के साथ आने वाला चार्जर अगर खराब हो जाता है तो जाहिर सी बात है कि फिर हमें कोई दूसरा चार्जर खरीदना पड़ता है। ऐसे में जब फोन के साथ आए चार्जर के अलावा कोई दूसरा चार्जर लेना पड़ता है तो हमें कई बातों पर गौर करना चाहिए। वरना ऑर्जिनल चार्जर के नाम से सिर्फ पैसे ज्यादा नहीं बल्कि फेक चार्जर को भी थमा दिया जा सकता है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बाजारों में चार्जर्स के ढ़ेरों ऑप्शन्स हैं। इनमें कई चार्जर ऐसे भी होते हैं जो देखने में आपके ऑर्जिनल चार्जर (Fake vs Original Charger) की तरह होते हैं लेकिन वो असली नहीं होते हैं। अब सवाल ये है कि ऐसे में कैसे असली और नकली चार्जर के बीच पहचान की जा सकती है? तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
चार्जर के डिजाइन पर करें गौर
डुप्लीकेट चार्जर में अक्सर ऑर्जिनल चार्जर से थोड़ा अलग डिजाइन मिल सकता है। इसलिए जब आप चार्जर लें तो आपको ये खास ध्यान देना है कि फोन का ऑर्जिनल चार्जर का डिजाइन खरीदे जा रहे है चार्जर के जैसा है या नहीं है। अगर आपको डिजाइन में कोई फर्क नजर आ रहा है तो ये फेक चार्जर हो सकता है।
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ब्रांड नेम पर दे ध्यान
कई बार डिजाइन और लुक के मामले में चार्जर बिल्कुल ऑर्जिनल लगता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि ये असली ही हो। इसलिए आपको कंपनी के ब्रांड नेम पर भी खास ध्यान देना चाहिए। अगर आपका चार्जर ऑर्जिनल होगा तो उसमें आपको ब्रांड नेम जरूर मिलेगा। अगर इसके नाम में कोई गड़बड़ी दिखे या font-style थोड़ा अलग दिखे तो ये फेक चार्जर हो सकता है।
ऑन द स्पॉट करें टेस्टिंग
अगर आप मार्केट से जाकर चार्जर खरीद रहे हैं तो शॉप पर ही चार्जर को फोन में लगाकर चेक कर लें। वहीं पर फोन के चार्जर को टेस्ट करके आप चार्जिंग स्पीड का भी पता कर सकते हैं और आपके लिए ये तय करना आसान होगा कि ये असली है या नहीं।
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