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ई-सिम का चाइनीज कनेक्शन भारत को पहुंचा रहा है नुकसान, जानें कैसे?

eSIM Slow Adoption Rate: क्या आप जानते हैं सस्ते फोन में आज भी e-SIM का सपोर्ट क्यों नहीं मिल रहा? तो आपको बता दें इसका सीधा कनेक्शन चीन से है। आइए जानें कैसे

Edited By : Sameer Saini | Updated: Aug 12, 2024 08:55
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Esim Slow Adoption Rate

eSIM Slow Adoption Rate: अगर आपके पास ई-सिम, यानी इलेक्ट्रॉनिक सिम कार्ड है तो आपको फोन चोरी होने पर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि ई-सिम वाले डिवाइस को ट्रैक करना काफी आसान होता है। यह रेगुलर सिम कार्ड का एक डिजिटल वर्जन है, जिसे फोन के सॉफ्टवेयर में सीधे एम्बेड किया जाता है। ई-सिम की सबसे बड़ी खूबी है कि इसे फिजिकली निकाला नहीं जा सकता, जिससे फोन चोरी होने पर भी आपका कनेक्शन सिक्योर रहता है।

ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इतनी खूबियां होने के बावजूद ये सिर्फ आज भी iPhone और कुछ महंगे फोन्स पर ही क्यों मिल रहा है, तो आपको बता दें इसका सीधा कनेक्शन चीन से है। दरअसल, चीन के पास ई-सिम इक्विपमेंट मौजूद नहीं है। ऐसे में फोन में उसे फिट करने के लिए अलग से पार्ट मंगवाने पड़ते हैं।

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ई-सिम क्यों नहीं है हर फोन में?

ई-सिम के कई फायदे हैं, लेकिन अभी भी कई स्मार्टफोन में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके पीछे कई कारण हैं:

  • चीन का प्रभाव: चीन में ई-सिम इक्विपमेंट की उपलब्धता सीमित है, जिससे स्मार्टफोन मेकर्स के लिए ई-सिम को इसमें शामिल करना महंगा हो जाता है। चीन अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत गंभीर है और ई-सिम को हटाया नहीं जा सकता है, इसलिए चाइनीज ब्रांड के स्मार्टफोन में ई-सिम कम देखने को मिलते हैं।
  • लागत: ई-सिम तकनीक अभी भी नई है और रेगुलर सिम कार्ड की तुलना में महंगी है।
  • इक्विपमेंट: ई-सिम को सपोर्ट करने के लिए खास इक्विपमेंट की आवश्यकता होती है, जो सभी स्मार्टफोन में उपलब्ध नहीं होते हैं।
  • बजट फोन: बजट स्मार्टफोन में ई-सिम की सुविधा इसलिए नहीं दी जाती है क्योंकि इससे फोन की कीमत बढ़ जाएगी।

e sim

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चीन का ई-सिम पर बैन क्यों?

चीन की सरकार ई-सिम को लेकर सतर्क है क्योंकि ई-सिम के जरिए किसी भी व्यक्ति को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है, जिससे निगरानी करना आसान हो जाता है। ई-सिम को हटाया नहीं जा सकता है, जिससे व्यक्तियों की स्वतंत्रता पर अंकुश लग सकता है। चीन अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत गंभीर है और वह नहीं चाहता कि उसके नागरिकों को आसानी से ट्रैक किया जा सके।

भारत पर इस का असर

चीन के ई-सिम पर बैन का भारत पर भी असर पड़ रहा है। भारत में बिकने वाले कई स्मार्टफोन चीन में बने हैं। चीन में ई-सिम इक्विपमेंट की कमी के कारण भारतीय बाजार में भी ई-सिम वाले स्मार्टफोन कम देखने को मिलते हैं।

ये कंपनियां ई-सिम अपनाने में काफी पीछे

भारत के तीन प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटर एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया कई सालों से ई-सिम सुविधा दे रहे हैं। Apple ने 2018 में iPhone XS सीरीज के साथ ई-सिम को पेश किया और तब से सभी iPhone मॉडल में यह सुविधा उपलब्ध है। Google के Pixel फोन भी 2019 से ई-सिम को सपोर्ट कर रहे हैं।

हालांकि, Xiaomi, Vivo, Oppo, OnePlus और Realme जैसे चीनी स्मार्टफोन ब्रांड, जो भारतीय बाजार में काफी पॉपुलर हैं, ई-सिम को अपनाने में काफी पीछे रहे हैं। बजट और मिड रेंज फोन में अब तक ई-सिम काफी पीछे है।

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Written By

Sameer Saini

First published on: Aug 12, 2024 08:50 AM

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