White Trails Planes Leave Behind : हम में से कई लोगों को अक्सर आसमान में उड़ान भरते विमानों को जरूर देखा होगा। आपने यह भी नोटिस किया होगा कि कुछ विमान अपने रास्ते पर आगे बढ़ते हुए अपने पीछे लंबी सफेद लाइनें बनाते हुए जाते हैं। ये लाइनें क्या होती हैं इसे लेकर लोग अपने-अपने हिसाब से अलग-अलग दावे किया करते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि ये जंग के मैदान में या सीमा पर किसी मोर्चे पर जाने वाले विमान होते हैं तो कोई इसे प्लेन का धुंआ बताते हैं। वहीं, कुछ लोग इसे यूएफओ और एलियंस तक से जोड़ देते हैं। आइए जानते हैं कि असल में ये लाइनें क्या होती हैं और इसके पीछे का साइंस क्या है।
विमानों के पीछे जो लंबी सफेद लाइनें दिखती हैं उन्हें कॉन्ट्रेल्स (Contrails) कहा जाता है। ये असल में आर्टिफिशियल क्लाउड यानी नकली बादल होते हैं जो एयरक्राफ्ट के इंजन से रिलीज किए जाने वाली पानी की भाप की वजह से बनते हैं। यूं तो आसमान में एक और बादल को खराब नहीं कहा जा सकता है। लेकिन, एक नई रिसर्च में सामने आया है कि आधुनिक एयरक्राफ्ट्स के डेवलपमेंट के साथ कॉन्ट्रेल्स में भी बदलाव आ रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा हमारी जलवायु के लिए बहुत बुरा साबित हो सकता है। Contrail में Con का मतलब कंडेंसेशन यानी वाष्पीकरण होता है और Trail का मतलब ट्रेल यानी रास्ते से है।
One is caused by a plane flying at a level where the humidity & air pressure causes vapour trails (water from the exhaust causing clouds to form behind a plane)
while the other is fuelled by conspiracy theorists fishing for clickbait to remain relevant https://t.co/9WT7sVzYbF— Siôn Tomos Owen (@sionmun) August 12, 2024
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क्या इनमें केमिकल्स भी भरे होते हैं?
जेट इंजन के काम करने की प्रोसेस में फ्यूल जलने से पानी भाप में बदलता है। ये कॉन्ट्रेल्स भी पानी की भाप से ही बनते हैं। इस बीच एक सवाल यह भी उठता है कि क्या उड़ान भर रहे विमानों के पीछे निकलने वाली इन सफेद लाइनों में केमिकल्स भी होते हैं? कई लोग इन लाइनों को केमट्रेल यानी केमिकल्स से भरे बादल भी बता देते हैं। लेकिन, असलियल इन कॉन्स्पिरेसी थ्योरीज सके कहीं अलग है। आपको बता दें कि केमट्रेल्स का निर्माण केमिकल्स, हैवी मेडल्स और नैनोपार्टिकल्स की वजह से होता है जो एयरक्राफ्ट्स से हवा में जानबूझकर रिलीज कर दिए जाते हैं। वहीं, कॉन्ट्रेल्स का निर्माण पानी के भाप बनने की वजह से होता है।
CONTRAIL vs. CHEMTRAIL
They both occur!
Yes, we all know that Contrails exist!! But, and it’s a big but – so do Chemtrails, which are caused by the SAI Stratospheric Aerosol Injection programs:-
CONTAILS are caused by water vapor turning to ice from aircraft engines exhausts in… pic.twitter.com/xomHAP8qeW— nogps (@nogps1) August 5, 2024
कॉन्ट्रेल्स का जलवायु पर क्या असर?
साइंटिस्ट्स को प्राकृतिक रूप से बनने वाले बादलों से कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन, यह देखा गया है कि सिरस क्लाउड्स (Cirrus Clouds) का हमारे ग्रह पर बड़ा असर पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये बादल धरती से निकलने वाली हीट को ट्रैप कर लेते हैं। कॉन्ट्रेल भी काफी हद तक सिरस क्लाइड्स जैसे ही होते हैं। इसे लेकर एक नई स्टडी में कहा गया है कि इस बात को लगभग सभी जानते हैं कि फ्लाइट से सफर को क्लाइमेट के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसके अलावा कॉन्ट्रेल्स और जेट फ्यूल कार्बन एमिशन का भी क्लाइमेट के तापमान में इजाफा करने में बड़ा रोल रहता है। ऐसे में यह हवाई यात्रा का एक और बड़ा नुकसान है।
A meteorologist will tell you this is just contrails and cirrus clouds. What they fail to mention is trails are warming the climate by trapping heat, especially as these aircraft trails are artificially produced, obviously, expanding into high cloud cover & acting as a blanket. pic.twitter.com/cS9byPyTJt
— MazeofDeception (@MazeofDeception) June 11, 2023
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ऊंचाई बढ़ने से गंभीर हो गई समस्या
इस स्टडी को ग्रैंथम इंस्टीट्यूट में रॉयल सोसायटी यूनिवर्सिटी रिसर्च फेलो डॉ. एडवर्ड ग्रिसपीर्ड्ट के नेतृत्व में पूरा किया गया है। डॉ. एडवर्ड और उनकी टीम ने पाया कि पहले के मुकाबले अब कॉन्ट्रेल्स ज्यादा लंबे समय तक आसमान में बने रहते हैं। ऐसा अब प्लेन्स ज्यादा ऊंचाई पर उड़ान भरने लगे हैं। हालांकि, विमानों के उड़ान भरने के लिए ऊंचाई बढ़ाकर 12 किलोमीटर या 38,000 फीट करने से व्यवधानों में कमी आई। इसका मतलब है कि इतनी ऊंचाई पर वह कम एमिशन जेनरेट करते हैं। लेकिन, यह फायदा अपने साथ कॉन्ट्रेल्स की शक्ल में एक काफी बड़ा साइड इफेक्ट भी लाया है जिन्हें दूर होने में काफी ज्यादा समय लगने लगा है।
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