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Explainer: मालदीव में कितने भारतीय सैनिक हैं और क्या कर रहे हैं? मुइज्जू ने दी 15 मार्च तक देश छोड़ने की मोहलत

What Indian Soldiers Are Doing In Maldives: मालदीव ने भारतीय सैनिकों से देश छोड़ने के लिए कहा है। जानिए इस देश में भारत के कितने सैनिक हैं और वह किस कारण से वहां हैं।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Jan 14, 2024 22:50
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Maldives President Asked Indian Troops To Go Back
Representative Image

What Indian Soldiers Are Doing In Maldives : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से कहा है कि वह 15 मार्च तक वहां मौजूद अपने सैनिकों को वापस बुला ले। वहां के राष्ट्रपति कार्यालय के पब्लिक पॉलिसी सचिव अब्दुल्ला नाजिम इब्राहिम ने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू और उनके प्रशासन की यही नीति है। इस रिपोर्ट में जानिए कि मालदीव में भारतीय सेना के कितने सैनिक हैं और वह वहां क्या कर रहे हैं।

खबरों को देख कर लगता है कि मालदीव में भारतीय सैनिकों की बड़ी संख्या होगी। लेकिन असल में ऐसा नहीं है। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार मालदीव में भारतीय सेना के कुल 88 अधिकारी हैं। ऐसे में मालदीव के राष्ट्रपति का इस तरह का फरमान सुनाना तार्किक तो नहीं लगता। यह भी कहा जा रहा है कि वह इस तरह के फैसले चीन की शह पर ले रहे हैं। मोहम्मद मुइज्जू हाल ही में चीन की पांच दिवसीय यात्रा से भी वापस लौटे हैं।

मालदीव में भारतीय सैनिक क्यों

भारत और मालदीव का विभिन्न मामलों में सहयोग का पुराना इतिहास रहा है। इसमें डिफेंस का क्षेत्र भी शामिल है। भारतीय सैनिक नवंबर 1988 में एक बार असल सैन्य ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए मालदीव गए थे। उनका लक्ष्य तख्तापलट के प्रयास को नाकाम करना था। उन्होंने इस अभियान को मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम के अनुरोध पर किया था। मालदीव इसे लेकर भारत की भूमिका की सराहना करता रहा है।

भारत देता रहा है सैन्य प्रशिक्षण

भारतीय सैनिकों को मालदीव की सेना को ट्रेनिंग देने के लिए कई बार वहां भेजा गया है। भारत ने मालदीव की सेना को युद्ध, जासूसी और बचाव अभियानों को लेकर प्रशिक्षण दिया है। हालांकि, मालदीव के कुछ नेता इस बात का विरोध करते आए हैं। वह देश में किसी भी स्तर पर विदेशी सेना की मौजूदगी के खिलाफ रहे हैं। मुइज्जू के ‘इंडिया आउट’ अभियान ने भारतीय सैनिकों की मालदीव में भूमिका को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया है।

भारत विरोधी है मुइज्जू का रुख

दरअसल, चुनाव के समय मोहम्मद मुइज्जू ने अपने इस अभियान के दौरान मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे की तरह पेश किया गया था। इसके अलावा मुइज्जू को चीन का समर्थक भी माना जाता है। वर्तमान सरकार यह भी मानती है कि पिछली सरकार ने भारत के साथ समझौतों में पारदर्शिता नहीं बरती थी। ऊपर से राष्ट्रपति मुइज्जू का राजनीतिक रुख भी पूरी तरह से भारत विरोधी दिखता है।

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Edited By

Gaurav Pandey

First published on: Jan 14, 2024 10:38 PM

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