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Explainer: क्या है IMEC कॉरिडोर? जिसके जरिए भारत बनेगा सुपरपावर, चीन के इस प्रोजेक्ट को देगा टक्कर

India Middle East Europe Economic Corridor Project : इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक (IMEC) कॉरिडोर एक ऐसी परियोजना है, जिसके जरिए भारत पूरी दुनिया में सुपरपावर बनेगा और चीन के BRI प्रोजेक्ट को टक्कर देगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Deepak Pandey Updated: Jun 17, 2025 21:50
IMEC project

India Middle East Europe Economic Corridor Project : चीन विश्व में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजना पर कार्य कर रहा है। इस प्रोजेक्ट में अबतक दर्जनों देश शामिल हो चुके हैं। इस तरह के कॉरिडोर न सिर्फ आर्थिक ताकत बढ़ती है, बल्कि किसी देश के सुपरपावर बनने का रास्ता बनता है। इसी तरह के एक कॉरिडोर पर भारत भी काम कर रहा है, जिसका नाम इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक (IMEC) कॉरिडोर है। आइए जानते हैं कि क्या है IMEC कॉरिडोर?

क्या है IMEC कॉरिडोर?

इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर अंतरमहाद्वीपीय से संपर्क का रास्ता है। यह कॉरिडोर भारत, यूरोप और अरब प्रायद्वीप के बीच ट्रेड, इन्वेस्टमेंट और कॉन्टेक्ट बढ़ाने के लिए एक रास्ता है। आईएमईसी अपनी तरह का पहला आर्थिक गलियारा है, जो भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली और जर्मनी को शामिल कर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। इस कॉरिडोर के जरिए भारत दुनिया में सुपरपावर बन जाएगा।

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कब हुआ था IMEC कॉरिडोर का ऐलान

नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सितंबर 2023 में इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर का ऐलान किया गया था। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य हाइवे, रेलवे, बंदरगाह, डिजिटल नेटवर्क और एनर्जी पाइपलाइनों को जोड़कर एक ऐसा नेटवर्क तैयार हो रहा है, जो एशिया और यूरोप को भौगोलिक, आर्थिक और रणनीतिक रूप से जोड़ेगा। इस कॉरिडोर में 600 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च होने की उम्मीद है।

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आईएमईसी परियोजना पर क्या बोले इजरायली राजदूत?

इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक आर्थिक कॉरिडोर (IMEC) पर इजरायल और ईरान तनाव को लेकर भारत में इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने कहा कि IMEC एक ऐसी परियोजना है, जिसके पूर्वी हिस्से को लागू करने के लिए भारत ने UAE के साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर करके काम शुरू कर दिया है और यह देखना बाकी है कि क्षेत्र के स्थिर होने के बाद पश्चिमी हिस्से को लागू करने की कोशिश के संदर्भ में क्या होगा? इस कॉरिडोर पर कभी बंद दरवाजों के पीछे और कभी आधिकारिक रूप से बातचीत हो रही है, जो दिल्ली और अन्य स्थानों पर बैठकों हो रही हैं।

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उन्होंने आगे कहा कि बहुत सारे हितधारक हैं, जो इस परियोजना में बहुत रुचि रखते हैं। एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स कंपनी ने सोमवार को मुझसे मुलाकात की थी, जो इस परियोजना में रुचि दिखाने आई थी। वे इसका हिस्सा बनना चाहते हैं, इसलिए IMEC की संभावनाएं हैं। वे नहीं बदले हैं और मुझे लगता है कि पूरी दुनिया यह देखने के लिए उत्सुक है कि गतिविधियों में फिर से शामिल होने के लिए यह कैसे समाप्त होने जा रहा है।

First published on: Jun 17, 2025 09:43 PM

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