Lata Mangeshkar: भारत रत्न लता मंगेशकर को स्वर कोकिला के नाम से जाना जाता है। उन्होंने अलग-अलग भारतीय भाषाओं में 30 हजार से अधिक गाने गाए हैं।
लता मंगेशकर के अनुसार, अगर उनके पिता जिंदा होते तो वो कभी गायिका नहीं बन सकती थीं।
लता दीदी ने 13 साल की उम्र से काम करना शुरू कर दिया था
दरअसल, लता दीदी को अपने पिता जी के सामने कभी गाने की हिम्मत ही नहीं हुई थी। लता दीदी की जिंदगी से जुड़ी कई कहानियां मशहूर है और इन सबके बारे में अक्सर सुनने को मिलता रहता है।
हिंदी सिनेमा में अपनी अनोखी आवाज का जादू बिखेरने वालीं लता दीदी ने 13 साल की उम्र से काम करना शुरू कर दिया था। पिता के असमय निधन के कारण घर के भरण पोषण की पूरी जिम्मेदारी उन पर आ गई थी।
अलग मीजाज की थीं आशा
लता ने परिवार की बड़ी बेटी होने के नाते ये जिम्मेदारी बखूबी निभाई और जब उनकी छोटी बहन आशा बड़ी हुई तो लता जी ने इसी जिम्मेदारी और गम्भीरता की उम्मीद उनसे भी की, मगर आशा बचपन से ही अलग मीजाज की थीं।
उन्हें किसी भी तरह के नियमों में बंधना पसंद नहीं था और उन्होंने अपने अलग रास्ते चुने। 16 साल की उम्र में ही आशा ने गणपतराव भोंसले से शादी कर ली, गणपतराव उस वक्त 31 साल के थे।
दोनों बहनों के बीच आई दूरियां
कम ही लोगों को पता है कि गणपतराव उस वक्त लता मंगेशकर के सेक्रेटरी हुआ करते थे। जब इस शादी की भनक लता जी को लगी तो वो आशा जी पर भड़क गईं थीं।
एक इंटरव्यू में खुद आशा जी ने ये बात बताई थी कि लता जी ने उनकी और गणपतराव के इस रिश्ते को मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद दोनों बहनों के बीच काफी दूरियां आ गई और काफी समय तक दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई।
परिवार से तोड़ दिए सभी रिश्ते
आशा भोंसले ने उस वक्त परिवार से सभी सम्बंध तोड़ दिए थे। पूरे परिवार से अलग होकर आशा भोंसले ने अपनी शादी की शुरुआत की। हालाकिं दोनों के बीच बाद में सबकुछ ठीक हो गया और रिश्ते में आई दूरियां भी मिट गई।
लता मंगेशकर ने भी ये बात इंटरव्यूज में कहीं थी कि उन्हें लगता था कि उनकी छोटी बहन के लिए ये रिश्ता ठीक नहीं होगा और ऐसा हुआ भी। आशा भोंसले और गणपतराव के तीन बच्चे हुए, लेकिन उनकी शादी बेहद कड़वे मोड़ पर आकर खत्म हुई और दोनों अलग हो गए। इसके बाद आशा भोंसले ने आर डी बर्मन जी से शादी की।