Sunny Deol Birthday: सुपरस्टार सनी देओल आज अपना 68वां जन्मदिन मना रहे हैं. बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग और अपने एक्शन से सनी देओल ने ऑडियंस को दीवाना बनाया हुआ है. चाहे ‘गदर’ का नल उखाड़ने वाला एक्शन सीन हो या फिर ‘दामिनी’ मूवी के दमदार डायलॉग ‘ढाई किलो का हाथ’ हो, सनी ने ऑडियंस एक्शन के साथ-साथ डायलॉग्स से भी लोगों को खूब एंटरटेन किया है. आज हम आपको सनी देओल से जुड़ा एक पुराना किस्सा बताने जा रहे हैं. जब सनी देओल को पिता धर्मेंद्र से जोरदार थप्पड़ पड़ा था. सनी देओल और उनके पिता धर्मेंद्र ने इस किस्से को खुद रिवील किया था. चलिए इस दिलचस्प किस्से के बारे में डिटेल में जानते हैं.
धर्मेंद्र की बच्चों संग बॉन्डिंग
फिल्म इंडस्ट्री में देओल परिवार उस लिस्ट में आता है जिसमें पिता से लेकर बेटों तक ने ऑडियंस के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है. धर्मेंद्र के स्टारडम को मैच करने के लिए उनके बेटे सनी देओल और बॉबी देओल ने भी खूब मेहनत की और दोनों ने अपने फैंस के दिलों में अपनी जगह बनाई. सनी देओल और बॉबी देओल का रिश्ता जितना मजेदार है उतना ही दोनों बेटों का पिता धर्मेंद्र से भी है.
यह भी पढ़ें: Sunny Deol की वो फिल्म, जो 100 करोड़ में बनी, 2 घंटे 30 मिनट की मूवी में एक ही डायलॉग से इरिटेट हुए थे लोग

एक बार उठाया था हाथ
द आरकेबी शो में एक बार धर्मेंद्र और सनी देओल ने पुराने किस्से रिवील किए थे. इसमें एक अनसुना किस्सा धर्मेंद्र ने सुनाया था कि एक बार उन्होंने सनी देओल को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था और उनके चेहरे पर उंगलियों के निशान भी छप गए थे. धर्मेंद्र ने कहा कि मैंने कभी भी अपने बच्चों पर हाथ नहीं उठाया. एक बार सनी को थप्पड़ मारा था जब वो काफी छोटे थे, उसके बाद मैंने कभी भी किसी पर हाथ तक नहीं उठाया.
यह भी पढ़ें: वो एक्टर जिसने 65 साल की उम्र में किया कमबैक, बैक टू बैक दी ब्लॉकबस्टर फिल्में; पाकिस्तान में भी मशहूर
क्यों पड़ा था सनी को थप्पड़?
किस्सा याद करते हुए धर्मेंद्र ने बताया, ‘जब सनी छोटा था तो मैं उसके लिए एक बंदूक का खिलौना लेकर आया था. इस बंदूक से सनी ने पड़ोसी की सारी खिड़कियां तोड़ दी थी. इसके बाद मैंने सनी को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था. लेकिन जब मैं शूटिंग के लिए स्टूडियो गया था तो मैं वहां से बार-बार कॉल करके पूछ रहा था कि सनी अब कैसा है.’ सनी देओल ने भी इस पर कहा, ‘वो थप्पड़ इतना जोरदार था कि मेरे चेहरे पर उंगलियों के निशान छपे थे.’