स्टैंडअप कॉमेडी की दुनिया में हमेशा बेबाक अंदाज और राजनीतिक कटाक्ष के लिए पहचाने जाने वाले कुणाल कामरा एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। इस बार वजह बनी है बुक माय शो से उनका नाम हटाया जाना। लेकिन हमेशा की तरह कामरा चुप नहीं बैठे। उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी है और बुक माय शो को आड़े हाथों लिया है।
हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर की गई टिप्पणी के बाद कामरा को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। उनके शो में तोड़फोड़ की गई और सोशल मीडिया पर उन्हें बायकॉट करने की मुहिम भी तेज हो गई। वहीं, अब इस पूरे विवाद का असर उनकी पेशेवर जिंदगी पर भी साफ दिखने लगा है जब देश की बड़ी टिकट बुकिंग साइट बुक माय शो ने उन्हें अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया। इस पर कुणाल कामरा काफी भड़क गए। चलिए आपको बताते हैं अपने ओपन लेटर में कुणाल कामरा ने क्या कुछ कहा है।
कुणाल कामरा का जवाब
बुक माय शो से हटाए जाने के बाद कामरा ने एक ओपन लेटर के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा कि असली मुद्दा सिर्फ नाम हटाया जाना नहीं है, बल्कि ये सवाल है कलाकारों के अधिकारों का और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मोनोपॉली का। कामरा का कहना है कि किसी भी परफॉर्मर को अपनी ऑडियंस तक पहुंचने के लिए उसी प्लेटफॉर्म पर निर्भर रहना पड़ता है, जो उनकी कमाई का हिस्सा भी काटता है।
Dear @bookmyshow – I still don’t know if I have your platform or no.
Below is humble view –
To the audiences I’m not a fan of boycotts or down rating a private business…
Book my show is well within their right to do what’s best for their business | pic.twitter.com/TXaB22sfxI---विज्ञापन---— Kunal Kamra (@kunalkamra88) April 7, 2025
उन्होंने बुक माय शो के बिजनेस मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि कलाकारों को हर रोज 6 से 10 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ते हैं, ताकि वो अपने ही दर्शकों तक पहुंच सकें। चाहे कलाकार छोटा हो या बड़ा, सभी को इस सिस्टम में फंसना ही पड़ता है।
बुक माय शो पर निकाली भड़ास
कामरा ने ये भी साफ किया कि वो बायकॉट कल्चर में यकीन नहीं रखते। उन्होंने लिखा कि वो किसी निजी बिजनेस को नीचा दिखाने में विश्वास नहीं रखते, लेकिन वो चाहते हैं कि दर्शक और कलाकार, दोनों को स्वतंत्रता मिले और फैसला लेने का अधिकार सिर्फ एक कंपनी के हाथों में न हो।
शो के मंच पर हमला
महाराष्ट्र में जिस कार्यक्रम में कामरा ने उपमुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी की थी, वहां शिवसेना समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। इस पूरे मामले में उन्हें कानूनी राहत जरूर मिली है, लेकिन इसका असर अब तक उनकी पेशेवर पहचान पर पड़ रहा है। कामरा का मानना है कि एक कलाकार को उसकी राय के लिए इस तरह से सजा देना लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है।
क्या आगे और गहराएगा विवाद?
कुणाल कामरा का मामला अब सिर्फ एक शो या एक बयान तक सीमित नहीं रह गया है। ये अब एक बड़े विमर्श की शुरुआत बनता जा रहा है। जहां सवाल उठ रहे हैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की सत्ता और कलाकारों के अधिकारों पर। अब देखना होगा कि क्या बुक माय शो इस पर कोई प्रतिक्रिया देती है या फिर ये मामला और तूल पकड़ता है।