Happy Womens Day 2023: 8 मार्च को इंटरनेशनल वीमेंस डे मनाया जाएगा। इस खास मौके को और खास बनाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं।
साथ ही महिलाओं के लिए अनेकों सरप्राइज प्लॉन करते हैं, लेकिन कुछ महिलाओं के संघर्ष की कहानी ऐसी है, जिन्हें पूरी दुनिया तो सलाम करती है ही, साथ ही सिनेमा भी उन्हें सलाम कर उनका इस्तकबाल कर चुका है। साथ ही उन शख्सियत पर फिल्में बनाकर उनका सम्मान बढ़ाया गया है।
ये फिल्में बनाकर दिया गया सम्मान
गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल
साल 2020 में रिलीज हुई फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द करगिल गर्ल’ में जान्हवी कपूर ने गुंजन सक्सेना की भूमिका निभाई थी। देश के इतिहास में करगिल वॉर ने काफी कुछ बदला।
देश का लड़ने का तरीका बदला तो जवानों ने घर में घुस चुके दुश्मन को धूल चटाने का हौसला भी दिखाया, लेकिन इसी करगिल वॉर ने देश को उस वक्त की पहली महिला पायलट से भी रूबरू कराया और उस पायलट का नाम गुंजन सक्सेना था, जिन्हें द करगिल गर्ल भी कहा जाता है।
दंगल
साल 2016 में रिलीज हुई फिल्म दंगल में गीता फोगाट और उनके पिता महावीर फोगाट की कहानी दिखाई गई है। गीता फोगाट, जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में रेसलिंग में देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया था।
छपाक
साल 2020 में रिलीज हुई फिल्म ‘छपाक’ में दिल्ली की एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी दिखाई गई थी। देश में एसिड अटैक के मामले आज तक थमे नहीं हैं, लेकिन साल 2020 में रिलीज हुई फिल्म ‘छपाक’ ने इस मसले की गंभीरता को लोगों के सामने रखा।
गुलाब गैंग
साल 2014 में बनाई गई फिल्म गुलाब गैंग में गुलाब गैंग की कहानी दिखाई गई है, जो उत्तर प्रदेश के बांदा में बना महिलाओं का ऐसा ग्रुप था, जिसने घरेलू हिंसा और खासकर महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी तरह के अपराध से निपटने के लिए कमर कसी थी। संपत लाल देवी सामाजिक कार्यकर्ता थीं, जिनके नेतृत्व में बने इस गैंग में 18 से 60 साल तक की महिलाएं शामिल थी।
सांड की आंख
शूटर दादी के नाम से मशहूर हुईं चंद्रो और प्रकाशी तोमर का सम्मान सिनेमा ने भी खुलकर किया है। तोमर खानदान की बहुओं चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर ने अपनी जिंदगी के 60 साल खाना पकाने, पति की सेवा करने और खेत जोतने में गुजारने के बाद शूटर बनने का सपना देख डाला। उन्होंने सपना क्या देखा, उसे साकार भी कर दिया और आज लोग उनको शूटर दादी के नाम से जानते हैं।