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Aap Jaisa Koi Movie Analysis: आखिर औरत को चाहिए क्या? ‘आप जैसा कोई’ देगी जिंदगी और प्यार की 3 बड़ी सीख

Aap Jaisa Koi Movie: नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘आप जैसा कोई’ आपको जरूर देखनी चाहिए। ये फिल्म दर्शकों को महिलाओं को समझने में मदद करेगी। वो जिंदगी में और एक रिश्ते में क्या चाहती हैं? ये आपको इस फिल्म को देखकर समझ आ जाएगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Ishika Jain Updated: Jul 15, 2025 18:16
Aap Jaisa Koi
आर माधवन और फातिमा सना शेख की फिल्म बड़ी सीख देती है। (Photo Credit- Instagram)

Aap Jaisa Koi Movie: आर माधवन और फातिमा सना शेख की फिल्म ‘आप जैसा कोई’ नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में यूं तो दो साधारण से टीचर्स की लव स्टोरी दिखाई गई है, लेकिन इसमें कई ट्विस्ट एंड टर्न्स आते हैं। कहानी में यही उतार-चढ़ाव लोगों को बांधे रखते हैं। फिल्म ‘आप जैसा कोई’ लोगों को बड़ी ही आसानी से जिंदगी और प्यार की कुछ अनोखी और अनकही सीख दे जाती है। एक औरत को जिंदगी में क्या चाहिए? इस सवाल का जवाब इस फिल्म में दिया गया है। चलिए जानते हैं ये फिल्म कौन-सी 3 बड़ी सीख देती है?

प्यार में बराबरी

फिल्म में दिखाया गया है कि जब तक लड़के को लगता है कि वो लड़की से कम है, तब तक उसे ये रिश्ता मंजूर होता है। हालांकि, जैसे ही उसे लड़की की खामी दिखती है, तो वो अपने पांव पीछे ले लेता है। एक एडल्ट ऐप पर दोनों होते हैं, लेकिन लड़के को जैसे ही पता चलता है कि लड़की पराए मर्दो से अश्लील बातें करती है, उसे फौरन अहसास होता है कि वो लड़की शरीफ खानदान से नहीं है और उसके लायक नहीं है। जबकि अगर लड़की गलत है तो लड़का सही कैसे हो सकता है? क्योंकि उस ऐप का इस्तेमाल तो दोनों कर रहे थे? ऐसे में फिल्म में फातिमा सना शेख एक डिमांड करती हैं कि उन्हें बराबरी वाला प्यार चाहिए, यानी लड़का और लड़की दोनों 50 -50। ना कोई कम और ना कोई ज्यादा। साथ ही वो ये भी क्लियर करती हैं कि कोई भी उनकी लिमिट क्यों तय करेगा?

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हर चीज में परमिशन

फिल्म में आर माधवन की भतीजी का किरदार भले ही छोटा है, लेकिन काफी कुछ कहता और सिखाता है। वो पढ़ने से लेकर, नौकरी करने तक हर चीज में अपने पिता की परमिशन पर निर्भर रहती है। वहीं, पिता बार-बार ये एहसान जताता है कि वो बेटी को पढ़ने दे रहा है और उसे नौकरी करने दे रहा है, लेकिन उसकी असली जगह घर के किचन में है। पिता ये भी कहता है कि हाई मेंटेनेंस लड़कियां अपना मायका और ससुराल दोनों तोड़ देती हैं। जबकि बेटी आखिर में वही करती है जो वो करना चाहती है। इस फिल्म से देखने को मिला है कि लड़कियों को ही हर चीज के लिए परमिशन का मौहताज होना पसंद नहीं आता।

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आत्मसम्मान और माफी

आर माधवन जब फिल्म में फातिमा को इज्जत नहीं देते तो वो बाद में उन्हें ठुकरा देती हैं। वहीं, उनकी भाभी भी पति के प्यार के लिए पहले तरसती हैं और सबके सामने आत्मसम्मान पर चोट लगने के बाद आखिर में उन्हें छोड़ देती हैं। वो पड़ोसी के प्यार में पड़ जाती हैं जो उनकी फीलिंग्स का ख्याल रखता है। इसके बाद भी आर माधवन के भाई को अपनी गलती का अहसास नहीं होता कि उनकी पत्नी गलत नहीं, बल्कि वो गलत हैं। वो बार-बार यही एक्सपेक्ट करते हैं कि महिलाएं ही माफी मांगेंगी और वो बड़ा दिल रखकर उन्हें माफ कर देंगे। हालांकि, आर माधवन की भाभी प्यार करने के लिए माफी मांगने से साफ मना कर देती हैं।

First published on: Jul 15, 2025 06:16 PM

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