गुवाहाटी: भारत में इस वर्ष बारहवीं के बाद कॉलेज में दाखिला पाने के लिए छात्रों को एक अनिवार्य प्रवेश परीक्षा से गुज़ारना पड़ा। बारहवीं के बोर्ड के अच्छे नंबर लाने के बावजूद छात्रों का इस परीक्षा में सटॉप करना अच्छे नंबर लाना ज़रूरी था।
शिक्षा मंत्रालय के तहत NTA ने CUET UG 2022 का रिजल्ट 16 सितंबर को जारी किया गया। देश में पहली बार हुए CUET यानी कॉमन यूनिवर्सिटीज एंट्रेंस टेस्ट आयोजित हुआ, जिसमे कई छात्रों ने पूरी मेहनत और लगन से हिस्सा लिया। रिजल्ट में कई स्टूडेंट्स ने 100 पर्सेंटाइल स्कोर किया। गुवाहाटी, असम के रहने वाले आयुष्मान भत्रा ने पांच विषयों में सौ पर्सेंटाइल स्कोर कर के CUET 2022 टॉपर्स लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया है। बारहवीं कक्षा के इस प्रतिभाशाली छात्र का मानना है कि अगर आप किसी भी काम को पूरी लगन से करे तो आपको सफलता ज़रूर मिलेगी।
आयुष्मान ने डॉन बॉस्को स्कूल गुवाहाटी से बारहवीं की है। पढ़ाई में स्कूल के पूरे स्टाफ ने उनका साथ दिया जिसके लिए वह उनके आभारी है। छात्र अपने स्कूल के प्रिंसिपल फादर सेबेस्टियन मैथ्यू और अपने सभी शिक्षकों को अपना रोल मॉडल मानता है। देश का नाम रोशन करने का सपना देखने वाला किशोर छात्र भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को अपनी सबसे बड़ी प्रेरणाओं में से एक के रूप में मानता है।
किशोर आयुष्मान का मानना है कि उनकी उपलब्धि का एक बड़ा हिस्सा उनकी परवरिश को दिया जाना चाहिए क्योंकि उनके माता-पिता ने हमेशा उसकी पढ़ाई में पूरा साथ दिया है। आयुष्मान कहते है कि “जब भी मैं कुछ अलग करना चाहता हूँ, मेरे माता-पिता हर फैसले में मेरा साथ देते है। ग्यारहवीं में मैंने कॉमर्स स्ट्रीम को चुना क्योंकि मेरे पिता एक वकील हैं और परिवार में भी कई लोग क़ानूनी क्षेत्र में काम करते है। मेरे परिवार ने मेरा हर मोड़ पर साथ दिया है।”
मानसिक तनाव को हराकर परीक्षा में प्राप्त की विजय देश में पहली बार आयोजित हुए CUET परीक्षा में 14 लाख से ज्यादा छात्रों ने अप्लाई किया था। आयुष्मान ने बताया कि “मैंने परीक्षा की तैयारी के दौरान तनाव चिंता का भी सामना किया। CBSE बोर्ड परीक्षा देने के बाद इन सब बदलावों के बारे में सुन के मैं तनाव में था। इसके साथ- साथ, टर्म 1 MCQ फॉर्मेट और टर्म 2 में सब्जेक्टिव फॉर्मेट में आने से छात्रों का भ्रम बढ़ गया था। अंत में, CUET को अचानक लागू किया गया, और परीक्षा की तारीखों का देर से ऐलान हुआ। इन जल्दबाज़ी की वजह से मेरी और सभी छात्रों की परेशानी और बढ़ गयी। लेकिन मैंने फिर भी अपना बेस्ट देने की कोशिश की। आयुष्मान का ये उतार-चढ़ाव भरा सफर आसान नहीं था, कई बार वह कमज़ोर हुआ लेकिन उस समय उसके करीबी दोस्तों और परिवार के प्रोत्साहन ने उसे आगे बढ़ाया।
आयुष्मान से जब पूछा गया कि वह अब आगे क्या करेंगे तो वह कहते है “मैंने अभी निश्चित तौर पर ये नहीं सोचा है कि मैं क्या कोर्स लूं ,हालांकि मुझे गणित पसंद है और मेरा हमेशा से फाइनेंस की और झुकाव रहा है। मैं किसी फिक्स्ड माइंडसेट के साथ कॉलेज में एडमिशन नहीं चाहता, मैं करियर से जुड़े सभी ऑप्शन्स को एक्स्प्लोर कर के फिर किसी एक चुनूंगा।”
कैसे की थी परीक्षा की तैयारी?
हम परीक्षा की तैयारी खुद भी कर सकते है लेकिन अगर आपको किसी अनुभवी व्यक्ति का साथ मिल जाये, जो उन विषयों के बारे में काफी लम्बे समय से जनता हो तो आपकी राह और आसान हो जाती है। आयुष्मान का मानना है कि कई ऐसे टॉपिक्स होते है जो हमें खुदसे समझने में मुश्किल होती है ऐसी स्थिति में mentor और कोचिंग आपके लिए मददगार साबित हो सकती हैं।
एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए आयुष्मान ने कोचिंग की Educaptain की मदद ली थी। कोचिंग के ज़रिये वह कई मुश्किल विषय आसानी से समझ जाता था। आयुष्याम ने कोचिंग द्वारा दिए गए self-paced lectures, टीचर्स द्वारा सवालों के जवाब, मॉक एग्जाम और नियमित मार्गदर्शन को परीक्षा पास करने के लिए बेहद मददगार बताया।
2018 में शुरू हुई Educaptain कम फीस में बच्चों को अनोखे तरीके से पढ़ाने के लिए जानी जाती है। इंस्टिट्यूट अपने हाइली अफोर्डेबल कोर्सेज में वीडियो के जरिये, मॉक टेस्ट्स, टॉपर्स से डायरेक्ट मेंटरशिप, हस्तलिखित पुस्तकें और हैंड होल्डिंग सपोर्ट से छात्रों को परीक्षा पास करने में मार्गदर्शन देती है। अंडरग्रेजुएट एंट्रेंस परीक्षाओं, जैसे DU JAT में AIR 3, IPMAT इंदौर में AIR 24, IPU में AIR 4, BVP में AIR 4 आदि में Educaptain लगातार ज़बरदस्त परिणाम दे रहा है।
इसमें छात्र के विषयों से जुड़े सभी डाउट्स आसान तरीके से क्लियर किये गए। इसके साथ ही अंग्रेजी और जीटी के अलावा CUET के सभी विभिन्न डोमेन के लिए मॉक टेस्ट का भी आयोजन इस इंस्टिट्यूट ने कराया था। उन्होंने अपने अमूल्य मार्गदर्शन के लिए Educaptain के संस्थापक प्रिंस गुप्ता को विशेष रूप से धन्यवाद दिया है। एसआरसीसी और आईआईएम कलकत्ता जैसे भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों से आने वाले प्रिंस गुप्ता का मानना है कि “शिक्षा सस्ती होनी चाहिए, लेकिन साथ ही वह बहुत अच्छी क्वालिटी वाली होनी चाहिए।”
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