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महंगा क्यों हुआ टमाटर? 120 रुपये प्रति किलो बिक रहा, जानिए कब घटेंगे दाम और कैसे

Tomato Price Latest News: टमाटर बाजार में 100 से 120 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। आखिर यह इतना महंगा क्यों हुआ और इसके दाम कब घटेंगे? इस बारे में किसानों ने अपनी बात रखी है। आइए जानते हैं कि आखिर टमाटर के रेट क्यों बढ़ते जा रहे हैं?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Oct 9, 2024 13:18
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Tomato Price
लाल-लाल टमाटर आजकल बढ़ते दामों की 'आग' में जल रहा।

Why Tomato Price Hiked: टमाटर ने आजकल सब्जियों का स्वाद बिगाड़ रखा है। कई लोगों ने तो टमाटर इस्तेमाल करना छोड़ दिया है, क्योंकि टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। टमाटर 120 रुपये प्रति किलो बाजार में बिक रहा है। केंद्रीय मंत्रालय की रिपोर्ट से पता चला है कि 7 अक्टूबर को टमाटर की औसत कीमतें एक महीने पहले की तुलना में काफी बढ़ गई थीं।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के निर्देशों पर भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ ने दिल्ली में 65 रुपये प्रति किलोग्राम टमाटर बेचना शुरू कर दिया है, क्योंकि सोमवार को कुछ स्थानों पर टमाटर की खुदरा कीमतें 120-130 रुपये तक पहुंच गई थीं। कहीं-कहीं यह 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। देशभर में टमाटर कम से कम 80-90 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है।

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क्यों बढ़ी टमाटर की कीमतें?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, किसानों ने बताया कि अचानक कीमतों में उछाल का मुख्य कारण उम्मीद से कम बुआई और सितम्बर के आखिरी सप्ताह में हुई भारी बारिश है। भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण टमाटर की फसल नष्ट हो गई। 20 सितंबर तक खरीफ की फसल टमाटर की बुआई 1.98 लाख हेक्टेयर जमीन पर हुई थी, जो पिछले साल की तुलना में कम है। प्याज साल में 3 बार उगाया जाता है और टमाटर एक बार खरीफ और एक बार रबी की फसल के रूप में बोया जाता है।

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खरीफ की फसल के रूप में टमाटर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उगाया जाता है। रबी की फसल के रूप में इसे महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और कर्नाटक के कुछ इलाकों में उगाया जाता है। रबी वाले टमाटर की रोपाई फरवरी-मार्च में की जाती है और लगभग 160 दिन के बाद इसकी कटाई की जाती है। खरीफ की फसल वाले टमाटर की जून-जुलाई के बाद रोपाई की जाती है और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में इसकी रोपाई सितंबर तक जारी रहती है।

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इन वजहों से नहीं हो रही टमाटर की खेती

पुणे जिले के जुन्नार तालुका में टमाटर उगाने वाले अभिजीत घोलप ने कहा कि पिछले साल की भीषण गर्मी के कारण किसानों को इस साल टमाटर की बजाय मक्का जैसी फसल बोनी पड़ी। रबी की फसल वाला टमाटर 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान को झेल नहीं पाती। देश में मक्के का रकबा पिछले साल के 84.56 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस साल 88.50 लाख हेक्टेयर हो गया है। मक्का मौसम की मार झेल सकता है। इथेनॉल निर्माताओं में मक्का की मांग बढ़ रही है।

इसलिए भी लोग मक्का पैदा करने लगे हैं। पिछले साल खरीफ की फसल वाले टमाटर में बैक्टीरिया ने हमला किया था, जिससे फसल खराब होने पर नुकसान हुआ। टमाटर की खेती करने में बहुत ज़्यादा पैसे लगते हैं। कम से कम 1-2 लाख रुपये प्रति एकड़ बुआई के लिए चाहिए। बैक्टीरिया और संक्रामक बीमारियों के कारण लागत बढ़ जाती है, इसलिए टमाटर बोने पर नुकसान उठाना पड़ता है। यह भी एक कारण है कि किसान टमाटर की खेती से दूर हो गए हैं।

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कब घटेंगे टमाटर के दाम?

महाराष्ट्र के नासिक के पिंपलगांव बसवंत के थोक बाजार में टमाटर का दाम 52-55 रुपये प्रति किलोग्राम है। आने वाले दिनों में टमाटर की कीमतें इसी स्तर पर रहने या और भी बढ़ने की उम्मीद है। दशहरे के बाद नासिक और तेलंगाना में ताजा फसल पैदा होगी, जो बाजार में आएगी तो उसके बाद ही टमाटर के दाम कम हो सकते हैं। चूंकि अगली फसल मार्च के आसपास ही बाजार में आएगी, इसलिए निकट भविष्य में टमाटर की खुदरा कीमतों में कमी आने की संभावना नहीं है। अगले साल मार्च के बाद ही इसके दाम घट सकते हैं।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Oct 09, 2024 12:59 PM

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