नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में 0.35% का इजाफा किया है। इस साल लगातार पांचवीं बार RBI ने रेपो रेट में बढ़ोत्तरी की है। इससे रेपो रेट 5.90% से बढ़कर 6.25% हो गई है। यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर 2022 के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान कम होकर 4.4 फीसदी हो गया. जनवरी-मार्च 2023 के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान कम होकर 4.2 फीसदी हो गया। वित्त वर्ष 2023 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी से घटकर 6.8 फीसदी हो गया। अगले चार महीनों में महंगाई दर चार प्रतिशत से ऊपर बने रहने की संभावना है। एमपीसी के छह सदस्यों में से पांच ने रेपो रेट बढ़ाने के फैसले का समर्थन किया है।
‘देश में ग्रामीण मांग में सुधार दिख रहा है’
आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट की घोषणा करते हुए यह भी कहा है कि देश में ग्रामीण मांग में सुधार दिख रहा है। कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में भी सुधार हुआ है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ 6.8% रह सकता है। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है कि वत्तीय वर्ष 2024 की पहली तिमाही में सीपीआई 5% रह सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि उपभोक्ता विश्वास में और सुधार हुआ है. मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म आउटलुक को लेकर आशावादी हैं। नवंबर में भारत के लिए विनिर्माण, सेवा पीएमआई दुनिया में सबसे ज्यादा देखने को मिली है।
आप पर क्या पड़ेगा असर?
रेपो रेट मंहगाई को कंट्रोल करने का एक टूल है। जब बाजार में मनी फ्लो बढ़ जाती है तो आरबीआई रेपो रेट बढ़ा कर इसे कंट्रोल करती है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देंगे। रेपो रेट के बढ़ने से आपके लोन की ईएमआई में इजाफा होने वाला है और आपके लिए लोन लेने महंगे हो जाएंगे। रेपो रेट बढ़ने से बैंकों के कर्ज की दरें बढ़ती हैं जिसका असर ग्राहकों पर आ जाता है।
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