Income Tax Return e-Verification Process: आयकर विभाग की ओर से टैक्सपेयर्स को ई-वेरिफिकेशन प्रोसेस न पूरा करने पर नोटिफिकेशन भेजा गया है। ऐसे टैक्सपेयर्स जिन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर लिया है लेकिन लेकिन ई-वेरिफिकेशन के प्रोसेस को पूरा नहीं किया है तो इनकम टैक्स विभाग द्वारा इसे अधूरी फाइलिंग माना जाता है। इसलिए हर टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है कि वो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद ई-वेरिफाइन प्रोसेस को भी जरूर अपनाएं। ऐसा न करने वालों को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। ई-सत्यापन प्रक्रिया पूरी न करने पर कितना जुर्माना भरना पड़ सकता है और ई-वेरिफिकेशन का प्रोसेस क्या है? आइए इसके बारे में जानते हैं।
Income Tax Return-e Verification Penalty
अगर आफ 31 जुलाई की समयसीमा के अंदर ही आईटीआर फाइल कर चुके थे, लेकिन ई-वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा नहीं किया था तो आप पर जुर्माना लग सकता है। दरअसल, ई-वेरिफाइन का प्रोसेस आईटीआर फाइल करने के 30 दिनों में पूरा करना होता है। आप जितनी देरी के साथ वेरिफिकेशन करते हैं, आपको जुर्माना भी उतना ज्यादा भरना पड़ सकता है।
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लेट फीस के साथ करना होगा भुगतान
आयकर अधिनियम की धारा 234एफ के तहत लेट फीस लगाने के कारण 5000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। हालांकि, जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है उनके लिए लेट फीस 1000 रुपये है। ऐसे टैक्सपेयर्स जिनका कोई टैक्स बकाया है उन्हें धारा 234A के तहत बकाया अमाउंट पर 1% प्रति माह के ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। विभाग ब्याज की गणना 31 जुलाई से शुरू करता है, जो कि आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख होती है।
Income Tax Return E-Verify Process Online
- सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल (e-filing portal) पर जाकर लॉगिन करें।
- होम पेज पर “ई-सत्यापन रिटर्न” ऑप्शन शो होगा, उस पर क्लिक करें।
- अपना PAN Card नंबर और फोन नंबर पर आए 6 अंक के ओटीपी को दर्ज करें।
- सबमिट का बटन दबाने के बाद नीचे दिख रहे ऑप्शन्स पर क्लिक करें।
- अगर 30 दिनों के बाद वेरीफाई करना है, तो “OK” पर क्लिक करें।
- किस वजह से लेट वेरीफाई कर रहे हैं, उसका कारण ड्रॉपडाउन मेनू बता दें।
- ई-वेरिफिकेशन के लिस्ट में से ऑप्शन चुनें और फिर प्रोसेस पूरा हो जाएगा।
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