ITR Deadline 2024: इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने के लिए 31 जुलाई 2024 आखिरी तारीख है। आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट जैसे-जैसे करीब आ रही है, वैसे-वैसे करदाताओं के लिए भी इस काम को निपटाने की टेंशन बढ़ती ही जा रही है। कुछ लोग आईटीआर फाइल (ITR Filing) करने का काम आखिरी तारीख पर करते हैं, लेकिन जल्दबाजी में कई बार कुछ गलतियों के कारण ITR रिजेक्ट भी हो जाता है और फिर आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। अगर आप नहीं चाहते कि आपका आईटीआर रिजेक्ट हो जाए तो आइए उन गलतियों के बारे में जानते हैं जिन्हें करने से सभी करदाताओं को बचना चाहिए।
1. फॉर्म में गलत जानकारी
करदाताओं को इनकम टैक्स फॉर्म में किसी तरह की कोई गलत जानकारी नहीं करनी चाहिए। अगर आप किसी कटौती के हकदार नहीं है तो आपको उसका दावा भी नहीं करना चाहिए। आप से कोई जानकारी गलत न जा रही हो, ये देखने के लिए आप इनकम टैक्स फॉर्म को सबमिट करने से पहले एक दो बार जरूर चेक करें। अगर गलत जानकारी दी तो आपका आईटीआर फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है।
2. पर्सनल डिटेल में न करें गलती
अक्सर लोगों के आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी मेल नहीं खाती है जिससे बाद में आईटीआर फॉर्म भरते समय आपकी पर्सनल जानकारी भी गलत मानी जाती है। अगर आपके दस्तावेजों में नाम या पते जैसी जानकारी अलग-अलग है तो पहले अपने दस्तावेजों को सही जानकारी के साथ अपडेट करवाएं। फॉर्म भरने के दौरान दस्तावेजों की गलत जानकारी भी आपके लिए आईटीआर रिजेक्शन की वजह बन सकती है।
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3. अंतिम तिथि तक फॉर्म जमा न करना
अक्सर कुछ लोग आईटीआर फॉर्म को जमा करने की लास्ट डेट को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में करदाताओं को जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसलिए आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट से पहले ही फॉर्म को भर लें, देरी करने पर आपको जुर्माने के साथ रिजेक्शन का भी सामना करना पड़ सकता है।
4. इनकम की सही जानकारी
अक्सर लोग टैक्स बचाने के चक्कर में अपनी इनकम की सही जानकारी ही नहीं देते हैं जोकि एक बड़ी गलती मानी जाती है। आपको आईटीआर फॉर्म भरते समय ध्यान देना है कि आपको सैलरी, किराये, निवेश और ब्याज आदि से होने वाली इनकम की जानकारी देनी होगी और ये बहुत जरूरी है। अगर आप इनकम की सही जानकारी नहीं देते हैं तो आप पर टैक्स चोरी के तहत पेनाल्टी लग सकती है और आपका आईटीआर भी रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
5. फॉर्म का वेरिफिकेशन न होना
आईटीआर फाइल जमा करने के बाद उसका वेरिफाई होना भी जरूरी है। वेरिफिकेशन के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जा सकते हैं। इसे आधार ओटीपी या नेटबैंकिंग के इस्तेमाल से वेरिफाइ किया जा सकता है। इसके लिए एक समय सीमा भी तय होती है और इस मौके के निकलने पर भी आईटीआर रिजेक्ट हो सकता है।
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