Stock Market : हर्षद मेहता की वेब सीरीज ‘स्कैम 1992′ का एक डायलॉग है- शेयर मार्केट इतना गहरा कुआं है जो पूरे देश की पैसे की प्यास बुझा सकता है और मैं इस कुएं में डुबकी लगाना चाहता हूं।’ यह डायलॉग पूरी तरह सही है। शेयर मार्केट में अनगिनत पैसा कमाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए सही जानकारी और धैर्य जरूरी है। जो लोग शेयर मार्केट में कम समय में अच्छा रिटर्न चाहते हैं वे IPO (Initial Public Offering यानी सार्वजनिक प्रस्ताव) में रकम इन्वेस्ट कर सकते हैं।
क्या है IPO
IPO खरीदना कंपनी के शेयर खरीदना ही है। दरअसल, जब भी किसी कंपनी को बिजनेस के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह लोन लेकर या किसी दूसरे तरीके से रकम का इंतजाम कर सकती है। वहीं कुछ कंपनियां कुछ शर्तों के साथ स्टॉक मार्केट में लिस्ट होती हैं और इन्वेस्टर्स से पैसा जुटाती हैं। IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। जिन लोगों को IPO के जरिए कंपनी के शेयर मिलते हैं, उन्हें रिटेल इन्वेस्टर कहा जाता है। IPO खरीदने और साधारण शेयर खरीदने में मुख्य अंतर यह है कि IPO सस्ती कीमत पर मिल जाते हैं। और जब कंपनी लिस्ट होती है तो हो सकता है कि वह उस कीमत से ज्यादा पर लिस्ट हो। अगर ऐसा होता है तो बाद में जो शख्स उस कंपनी के शेयर खरीदेगा, उसे उस कीमत पर खरीदने होंगे जिस दिन उसका जो भाव होगा। वहीं IPO लॉट में खरीदे जाते हैं। एक लॉट में 15 या इससे ज्यादा शेयर हो सकते हैं। वहीं कंपनी के लिस्ट होने के बाद कोई भी शख्स उस कंपनी का 1 शेयर भी खरीद सकता है।
इसलिए होते हैं 7 दिन अहम
- IPO आने से लेकर शेयर मार्केट में लिस्ट होने तक 7 से 15 दिन तक का समय लग जाता है। जब कोई IPO मार्केट में आता है तो उसे IPO Open यानी IPO खुलना हो सकता है। करीब 3-4 दिन बाद IPO बंद हो जाता है। यानी इतने दिनों में ही IPO के लिए अप्लाई कराना होता है यानी अपने लॉट बुक करा सकते हैं।
- इसके बाद शेयरों का अलॉटमेंट होता है। IPO बुक कराने का मतलब यह नहीं होता कि आपको उस कंपनी के शेयर मिल ही जाएंगे। कंपनी अपने कुछ नियमों के अनुसार ही IPO बुक कराने वालों को शेयर बेचती है।
- जिन्हें IPO नहीं मिलता, उनकी रकम अगले 2 से 3 दिनों में उनके बैंक अकाउंट में वापस कर दी जाती है। IPO नहीं मिलने की जानकारी कंपनी ईमेल के जरिए भी देती है। कंपनी रिफंड की जो तारीख तय करती है, उसके अगले 1- 2 दिन बाद ही जिन लोगों को IPO मिल जाता है, लॉट में मौजूद उतने शेयर उनके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।
- डीमैट अकाउंट में शेयर ट्रांसफर होने के अगले 1-2 दिन में उस कंपनी के शेयर स्टॉक मार्केट में लिस्ट होते हैं। लिस्टिंग के समय पता चलता है जितने के शेयर IPO में बुक कराया था, अब उसकी कीमत क्या होगी।
- कई बार कई कंपनियों के शेयर ऐसे भी रहे जो दोगुनी रकम पर लिस्ट हुए। यानी 7 से 15 दिनों में ही रकम दो गुनी हो गई। आप चाहें तो लिस्ट होने वाले दिन ही अपने शेयर बेच भी सकते हैं और मुनाफा लेकर कंपनी से बाहर निकल सकते हैं।
IPO इसलिए है फायदे का सौदा
IPO के जरिए इन्वेस्टर की रकम पर बहुत कम समय (7 से 15 दिन) में अच्छा रिटर्न मिल जाता है। मार्केट में पहले से लिस्ट कंपनी के शेयर खरीदने पर उतना प्रॉफिट मिलने में कई साल लग सकते हैं। ऐसा नहीं है कि अच्छी कंपनियों में इन्वेस्टर्स को दोगुना रिटर्न नहीं दिया, लेकिन इसमें कई साल लग गए। वहीं IPO के जरिए इन्वेस्ट करने पर हो सकता है कि 7 से 15 दिन में ही रकम दोगुनी हो जाए। और अगर दोगुनी भी न हो, किसी को 10 से 50 फीसदीभी रिटर्न मिल गया तो भी काफी है।
…लेकिन रिस्क भी बड़ा है
ऐसा नहीं है कि IPO के जरिए शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना फायदे का ही सौदा हो। कई बार इसमें घाटा भी हो जाता है। 1 लाख रुपये के शेयर 50 हजार रुपये में भी लिस्ट हो सकते हैं। ऐसे में आपको एक झटके में 50 हजार रुपये का नुकसान हो सकता है।
यह भी पढ़ें : शेयर मार्केट में एंट्री से पहले जान लें ये बातें, बन जाएंगे करोड़पति!
इन कंपनियों के IPO आएंगे अप्रैल में
1. Greenhitech Ventures Limited
शुक्रवार (12 अप्रैल) से खुलेगा
2. Ramdevbaba Solvent
सोमवार (15 अप्रैल) से खुलेगा
3. Grill Splendour Services Limited
सोमवार (15 अप्रैल) से खुलेगा
4. Emmforce Autotech Limited
मंगलवार (23 अप्रैल) से खुलेगा