Income tax department notice: अगर कैश में लेन-देन या ट्रांजैक्शन करने की आदत है तो आपको परेशान होना पड़ सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि आपको इनकम टैक्स का नोटिस आ जाए। ऐसी स्थिति में उन पांच वैल्यू ट्रांजैक्शन के बारे में जान लीजिए, जिसकी वजह से आपको इनकम टैक्स विभाग नोटिस भेज सकता है। यहां तक कि आपको पूछताछ के लिए भी बुला सकता है।
बैंक में 10 लाख से अधिक कैश जमा करने पर आ सकता है नोटिस
CBDT के नियम के अनुसार अगर आप एक वित्त वर्ष में 10 लाख या उससे अधिक कैश बैंक में जमा करवाते हैं तो इसकी सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देना जरूरी है। एक से ज्यादा बैंक खाते में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करवाते हैं तो इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है।
एफडी में 10 लाख जमा करने पर
एक ही फाइनेंशियल ईयर में अगर एक या एक से ज्यादा एफडी में 10 लाख कैश जमा करवाते हैं तो नोटिस आ सकता है। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पैसे का जरिया बताने के लिए नोटिस जारी करता है। इसलिए एफडी में अधिकतर पैसे चेक से जमा करवाएं।
कैश में प्रॉपर्टी या म्यूचअल फंड्स खरीदने पर
प्रॉपर्टी के लिए 30 लाख या उससे अधिक कैश ट्रांजैक्शन करने पर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी पड़ती है। ऐसे में आयकर विभाग पूछ सकता है कि आपके पैसे आने का सोर्स क्या है। अगर कैश देकर म्यूचुअल फंड, बॉन्ड या डिबेंचर खरीदते हैं तब भी आपसे सवाल पूछे जा सकते हैं।
एक लाख से अधिक का क्रेडिट कार्ड चुकाने पर
अगर एक साल में कैश में एक लाख रुपये या उससे अधिक का क्रेडिट कार्ड बिल चुकाते हैं तो आयकर विभाग सवाल कर सकता है कि पैसे कहां से आए। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बिल में 10 लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान करते हैं तो भी आयकर विभाग आपसे सवाल कर सकता है कि इतना पैसा कहां से आया।