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Illegal Construction: दिल्ली के स्लम व पिछड़े इलाकों की जमीनी सच्चाई, बिल्डर माफियाओं का शिकार होते उपभोक्ता

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता कल्याण समिति, दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. पी. द्विवेदी शास्त्री ने बिल्डर माफिया द्वारा गरीब उपभोक्ताओं का उत्पीड़न और शोषण रोकने की मांग की है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में अवैध निर्माण कोई नई बात नहीं है। जिधर नजर दौड़ाऐंगे 5-6 मंजिल बिल्डिंगें खड़ी नजर आएंगी। अवैध निर्माण इतने बड़े […]

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Apr 13, 2023 15:58
Illegal Construction in Delhi

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता कल्याण समिति, दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. पी. द्विवेदी शास्त्री ने बिल्डर माफिया द्वारा गरीब उपभोक्ताओं का उत्पीड़न और शोषण रोकने की मांग की है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में अवैध निर्माण कोई नई बात नहीं है। जिधर नजर दौड़ाऐंगे 5-6 मंजिल बिल्डिंगें खड़ी नजर आएंगी। अवैध निर्माण इतने बड़े पैमाने पर हो चुका है कि प्रशासन के लिए उस पर कार्यवाही करना संभव नहीं था, इसलिये प्रशासन को बिल्डिंग की निर्धारित ऊंचाई को बढ़ाना पड़ा। अब बिल्डर माफियाओं का इससे भी आगे बढ़ना आरंभ हो गया है।

पुलिस, एमसीडी और बिल्डर माफिया अब दिल्ली को नई ऊंचाईयों तक ले जाने के काम पर लग गए हैं। यह तो दिल्ली में होता ही रहा है और आगे भी होता ही रहेगा, लेकिन हमारा उद्देश्य इस सारे खेल में किस प्रकार उपभोक्ताओं का शोषण किया जा रहा है इस बात से अवगत कराना है।

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धोखा नहीं, दबंगई से लूटा जाता है
यह तो पुरानी बात है कि बिल्डिंग का निर्माण समय पर न करना। सालों उपभोक्ताओं को चक्कर कटवाकर दूसरी जगह अपनी मनमर्जी की जगह पर फ्लैट थमा देना। उपभोक्ताओं को जानकारी के अभाव का फायदा उठाकर ही धोखा नहीं दिया जाता, बल्कि सचेत उपभोक्ता को दबंगई से लूट लिया जाता है। हाल ही चौहान बिल्डर Pawan Infratech ADM Complex, IInd Floor, Banda Noida, Sector – 49, UP ने नक्शे के हिसाब से बिल्डिंग का निर्माण करने के बाद पार्किंग की जगह में फ्लैट का निर्माण कर दिया। लिखित रूप से पार्किंग देने के बाद भी दबंगई से फ्लैट बनाए गए। उपभोक्ता, पुलिस और नगर पालिका के चक्कर लगाते रहे कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।

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Collaboration का खेल
दिल्ली में जब से जमीनों के दाम बढ़े हैं, तब से बिल्डर माफिया ने एक और काम शुरू कर दिया है। ये है Collaboration, इसमें जमीन या पुराने घर के मालिक से एग्रीमेंट करके पैसे के बदले दो या तीन फ्लैट ले लिए जाते हैं और मालिक को दो या तीन फ्लैट देने का वादा किया जाता है। ऐसा दिल्ली के स्लम इलाकों व अवैध कॉलोनियों में अधिकतर हो रहा है। दिल्ली के स्लम इलाकों में अधिकांश ऐसे घर हैं, जो पुराने हो गए हैं और उनके मालिक गरीब और अनपढ़ हैं, जो अपना घर नहीं बना सकते? ये बिल्डर माफिया का बेहतरीन शिकार हैं। अधिकतर एग्रीमेंट रजिस्टर्ड नहीं होते।

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उपभोक्ता के न चाहते हुए भी अवैध निर्माण
मकान के मालिक से पांच मंजिल बनाने की बात तय करके 6 मंजिल बनवाने के लिये मजबूर किया जाता है। बिल्डर ही मकान मालिक को किराये का घर दिलाता है। बिल्डर उसका किराया देना बंद कर देता है। दूसरी ओर उसका घर टूट चुका होता है और बिल्डर के कब्जे में होता है। एमसीडी और पुलिस पूरी तरह बिल्डर के साथ होते हैं। ऐसे में गरीब, मजबूर, असहाय मकान मालिक या जमीन मालिक के पास बिल्डर की बात मानने के अतिरिक्त दूसरा कोई रास्ता नहीं बचता। ये सारे नियम-कानूनों को एक तरफ रखकर बिल्डिंग का अवैध निर्माण करता है। उपभोक्ता के न चाहते हुए भी ये अवैध निर्माण कराना पड़ता है। जब कभी प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव आता है और उन्हें कुछ कार्यवाही दिखानी होती है, तो इसकी गाज भी मकान मालिक पर ही गिरती है।

सीबीआई या ईडी से जांच की मांग
बिल्डर अपना माल बेचकर निकल चुका होता है इसके अतिरिक्त बिल्डर माफिया टैक्स की चोरी व मनी लॉन्ड्रिंग जैसे काम करके सरकार को भी चूना लगा रहे हैं। इस प्रकार बिल्डर माफिया गरीब और पीड़ित उपभोक्ता का शोषण कर रहे हैं। ये दिल्ली के स्लम व पिछड़े इलाके की वह जमीनी सच्चाई है, जिसका एक-एक शब्द सत्य है। द्विवेदी ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार इस मामले की सीबीआई या ईडी से जांच कराए, ताकि गरीब उपभोक्ताओं का उत्पीड़न और शोषण रोका जा सके और सरकार को हो रही राजस्व की हानि पर रोक लगे।

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First published on: Apr 12, 2023 03:31 PM

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