Haldiram: पिछले कुछ दिनों से हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड के कुछ शेयर बेचने की खबरें सामने आ रही थीं। रिपोर्ट्स में कहा गया कि हल्दीराम अपनी 51 फीसद हिस्सेदारी बेच रहा है। लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने शेयर बेचने के फैसले में कुछ संशोधन किए हैं। कंपनी अब 51 फीसद नहीं बल्कि 10-15 फीसदी अल्पमत हिस्सेदारी ही बेच सकती है। कंपनी का कहना है कि उनको घाटा नहीं हो रहा है जिस वजह से वह अपने आधे शेयर बेचें।
10-15 फीसदी हिस्सेदारी बिकेगी
हल्दीराम के प्रोडक्ट भारत में काफी लोकप्रिय हैं। इसको खरीदने के लिए कई कंपनियां लाइन में थी। पहले खबर आई कि हल्दीराम अपनी 51 फीसद हिस्सेदारी को बेचना चाहती है। लेकिन अभी सूत्रों ने बताया कि कंपनी केवल 10-15 फीसद हिस्सेदारी ही बेचेगी। पहले हल्दीराम की प्रमोटर फैमिली ने 51 फीसद हिस्सेदारी बेचने का प्लान बनायाथा। इसकी बात आगे ना बढ़ने के कारण उसकी वैल्यूएशन रही। इसको खरीदने में रुचि दिखाने वाली कंपनियों में प्राइवेट इक्विटी फर्म बेन कैपिटल, ब्लैकस्टोन और टेमासेक होल्डिंग्स का नाम शामिल है।
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मुनाफे में चल रही कंपनी
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी को इसकी कीमत मन मुताबिक नहीं मिल रही है तो वह इसको नहीं बेचेंगे। क्योंकि हल्दीराम का बिजनेस मुनाफे में चल रहा है। मुनाफे का अनुमान लगाया जा रहा है कि 2032 तक भारत में इसका स्नैक्स मार्केट दोगुना होकर 95,521.8 करोड़ रुपये हो जाएगा।
क्या है हल्दीराम का इतिहास?
हल्दीराम स्नैक्स फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत 1937 में गंगा बिसन अग्रवाल ने की थी। आज ये कंपनी 100 से ज्यादा देशों में अपने पैर जमा चुकी है। कंपनी में 400 से ज्यादा फूड आइटम्स बनाए जाते हैं।
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