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डेयरी प्रोडक्ट्स में A1, A2 लेबलिंग पर क्यों लगा बैन, कैसे करें असली-नकली की पहचान?

FSSAI: कई फूड बिजनेस ऑपरेटर (FBO) FSSAI लाइसेंस संख्या के तहत ए1 और ए2 के नाम पर दूध उससे बने कई उत्पाद बेच रहे हैं। इसपर एक्शन लेते हुए FSSAI ने इस तरह की बिक्री करने वालों के लिए एक ऑर्डर जारी किया है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Aug 25, 2024 07:12
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Food Safety and Standards Authority of India A1 milk A2

FSSAI: बाजारों में क्या असली है और क्या मिलावटी है इसका पता लगाना काफी मुश्किल हो गया है। कई प्रोडक्ट का लेबल बदल कर उनको बेचा जाता है। इसपर संज्ञान लेते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (FSSAI) एक स्टेटमेंट जारी किया है। ये स्टेटमेंट दूध और उससे बनी चीजें के लिए है। FSSAI का कहना है कि कंपनियों को इस तरह से लेबलिंग करके दूध, घी और बटर नहीं बेचना चाहिए, ये बहुत भ्रामक है।

6 महीने में करना होगा अमल

FSSAI ने कंपनियों को प्री-प्रिंटेड लेबल को हटाने के लिए छह महीने का समय दिया है, जिसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इसके बाद उत्पादों पर FSSAI लाइसेंस नंबर नहीं होगा। FSSAI ने गुरुवार को जारी एक निर्देश में कहा कि A2 के दावे के साथ दूध वसा उत्पाद बेचने वाली कंपनियां न लेवल भ्रामक हैं बल्कि ऐसे दावे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 का अनुपालन नहीं करते हैं।

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उपभोक्ताओं को इस तरह के लेबल से भ्रम हो सकता है, इससे वो समझेंगे कि A1 A2 की तुलना में ज्यादा अच्छा होता है। हकीकत देखी जाए तो ऐसा कुछ नहीं होता है। कंपनियों के दावे भी मौजूदा मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं, जिसकी वजह से A1 और A2 का लेबल लगाने का कोई मतलब नहीं बनता है।

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क्या है A1 या A2 लेबलिंग

गाय के दूध में मिलने वाले दो तरह के बीटा-कैसीन प्रोटीन के बारे में A1 और A2 बताता है। A1 प्रोटीन की बात की जाए तो ये उत्तरी यूरोप की नस्ल वाली गायों के दूध में पाया जाता है। वहीं, A2 प्रोटीन ज्यादातर साहीवाल और गिर जैसी भारतीय नस्ल की गायों के दूध में पाया जाता है। हेल्थलाइन के अनुसार, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि A2 ज्यादा स्वस्थ हो सकता है, कुछ अध्ययनों से ये भी पता चलता है कि A1 बीटा-कैसिइन हानिकारक हो सकता है और A2 बीटा-कैसिइन मात्र उसका एक सुरक्षित विकल्प है।

कैसे करें सही प्रोडक्ट की पहचान

अब सवाल ये उठता है कि सही दूध का चयन कैसे किया जाए? सलाह दी जाती है कि घास और प्राकृतिक चारा खाने वाली गायों से A2 दूध खरीदने की कोशिश करें। गिर गायों को अच्छी तरह से संतुलित आहार के तौर पर घास खिलाया जाता है जिनसे आप अच्छा दूध पा सकते हैं। इसके अलावा ऐसे दूध की तलाश करें जिसमें कोई अतिरिक्त हार्मोन न हो और जिसमें हानिकारक एंटीबायोटिक्स का इंजेक्शन न हो।

 

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News24 हिंदी

First published on: Aug 25, 2024 07:09 AM

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