FasTag Scam Avoid Tips: पूरे भारत में फास्टैग का यूज सभी टोल पर डिजिटल टोल टैक्स पे करने के लिए किया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से इस इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम को फास्टैग के जरिए जारी किया गया है। फास्टैग को हासिल करने या रिचार्ज करने की सुविधा कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। ऐसे में कई बार लोग ठगी के भी शिकार हो जाते हैं। इन दिनों केवाईसी को लेकर फास्टैग कहीं न कहीं चर्चाओं में है।
31 जनवरी 2024 से पहले सभी के लिए फास्टैग का केवाईसी करवाना जरूरी है। इस केवाईसी करवाने के चक्कर में बस आप किसी स्कैम की चपेट में न आ जाए। जी हां, फास्टैग स्कैम के जरिए कई लोगों का बैंक खाता खाली होने के मामले हैं। पिछली रिपोर्ट्स पर नजर डाली जाए तो ऐसे कई मामले रहे हैं जब लोग फास्टैग स्कैम (FasTag Scam in Hindi) के शिकार हुए हैं, आइए आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बताते हैं जिनका ख्याल रखना सभी के लिए जरूरी है और फास्टैग स्कैम से बचा जा सकता है।
FasTag Scam से बचने के लिए इन 5 बातों का रखें ख्याल
- डिजिटल सर्विस के लिए कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करने से पहले सतर्क रहें। गूगल सर्च से मिले कस्टमर सपोर्ट नंबर पर संपर्क न करें।
- किसी के साथ भी अपने फोन पर आए OTP को शेयर न करें।
- FasTag KYC के लिए आए मैसेज पर तुरंत रिस्पॉन्स न करें। किसी तरह के लिंक पर क्लिक न करें।
- अपने बैंक खाते या डिजिटल पेमेंट ऐप को टू वेरिफिकेशन फीचर के साथ ही यूज करें।
- किसी तरह के फ्रॉड या स्कैम होने पर तुरंत साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज करें।
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साइबर क्राइम होने पर शिकायत कैसे दर्ज करें?
अगर आपके साथ आपके किसी करीबी के साथ कोई ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है तो इसकी शिकायत तुरंत कर दें। साइबर क्राइम की शिकायत आप 1930 नंबर पर कॉल करके कर सकते हैं। जबकि, साइबर क्राइम की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।