नई दिल्ली: अरबपति गौतम अडानी के लिया ये बड़ी सफलता हैं और उनके पास मुस्कुराने का एक कारण है, क्योंकि अदानी समूह की प्रमुख कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को बुधवार को पूरी तरह से सब्सक्राइब किया गया था। यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी लघु विक्रेता हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा जारी एक रिपोर्ट के कारण अडानी समूह की कंपनियों के शेयर शेयर बाजार पर भारी पड़ गए हैं।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक 20,000 करोड़ के एफपीओ को ग्राहकों का जबरदस्त समर्थन मिला। इस इश्यू के तहत 4.55 करोड़ शेयरों की बिडिंग हो रही है, जिसमें से अब तक 4.62 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिल चुकी हैं। यह बोली लगाने के तीसरे और अंतिम दिन 112 प्रतिशत की समग्र सदस्यता का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें वह एंकर भाग शामिल नहीं है जो पहले पूरी तरह से सब्सक्राइब किया गया था।
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खुदरा निवेशकों ने एफपीओ से दूरी बना ली है क्योंकि अडानी समूह की प्रमुख फर्म के शेयर की कीमत 3,112-3,276 रुपये के एफपीओ मूल्य दायरे से नीचे गिर गई है। खुदरा निवेशकों ने उनके लिए अलग रखे गए शेयरों में से सिर्फ 12 फीसदी के लिए बोली लगाई है।
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क्या होता है एफपीओ?
FPO कंपनियों द्वारा पैसा जुटाने का एक तरीका है। फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर होता है जिसके जरिए कंपनियां पैसा जुटाती हैं। जो भी कंपनी पहले से स्टॉक मार्केट में लिस्टिड होती हैं वह कंपनियां निवेशकों के लिए नए शेयर्स जारी करती हैं। ये आम शेयर से से काफी अलग होते हैं। इसमें ज्यादातर स्टॉक प्रमोटर्स के जरिए जारी किए जाते हैं।
बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद आडानी समूह के शेयरों में गिरावट जारी है। अडानी की कंपनियों के शेयर 20 फीसदी तक नीचे आ गए हैं।
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