Som Pradosh Vrat: हिंदू धर्म में प्रदोष तिथि भगवान शिव को समर्पित की गई है। यदि प्रदोष की तिथि सोमवार को आए तो उसे सोम प्रदोष कहा जाता है। सोम प्रदोष की भक्तों में अत्यधिक मान्यता है। कहा जाता है कि सोम प्रदोष का व्रत करने से भगवान भोलेनाथ व्यक्ति को मनचाहा वरदान दे देते हैं।
इस वर्ष का आखिरी सोम प्रदोष व्रत 5 सितंबर 2022 को आ रहा है। इस दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी अथवा प्रदोष है। इस दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना कर व्यक्ति उन्हें सहज ही प्रसन्न कर सकता है। जानिए इस व्रत के शुभ मुहूर्त, एवं महात्म्य के बारे में
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सोम प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त (Som Pradosh Vrat Puja Muhurat)
सोम प्रदोष व्रत का आरंभ – 5 दिसंबर 2022 को सुबह 5.57 बजे
सोम प्रदोष व्रत का समापन – 6 दिसंबर 2022 को सुबह 6.47 बजे
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त – शुभ, लाभ और अमृत के चौघड़िया में पू6जा की जा सकती है। इसके अतिरिक्त अभिजीत मुहूर्त में भी पूजा की जा सकती है।
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कैसे करें सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat Puja Vidhi)
इस व्रत को करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें तथा ब्रह्म मुहूर्त में ही अपने निकट के शिव मंदिर में जाएं। वहां पर भगवान भोलेनाथ का जल से अभिषेक करें। उनके साथ ही गणेशजी, माता पार्वती, कार्तिकेय तथा नंदी को भी स्नान करवाएं। स्नान के बाद इन सभी को पुष्प, माला, धूप बत्ती, दीपक आदि अर्पित करें। भगवान शिव की आरती करें तथा उन्हें फल, मिठाई आदि भोगस्वरूप अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का 108 बार जप करें। भगवान शिव की पूजा के बाद यथासंभव गरीबों को वस्त्र, भोजन आदि दान करें। इस तरह व्रत पूर्ण होता है। आप भी व्रत को खोलने के लिए अन्न न लें बल्कि फलाहार करें। इस तरह व्रत करने से भगवान आशुतोष प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की समस्त इच्छाएं पूर्ण करते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।