Shunya Sadhna Siddhi: भारतीय आध्यात्म जगत में बहुत सी अद्भुत साधनाएं बताई गई हैं। इस पूरे विश्व में ऐसा कुछ भी नहीं है जो इन साधनाओं के माध्यम से व्यक्ति प्राप्त न कर सकें। शून्य साधना सिद्धि भी ऐसा ही एक अनुष्ठान है। इस अनुष्ठान को पूरा करने के बाद व्यक्ति जब भी, जो भी चाहें, आसानी से प्राप्त कर सकता है।
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कैसे करें इस अनुष्ठान को (Shunya Sadhna Siddhi)
यह अत्यन्त जटिल साधना है और रात्रि के समय किसी सिद्ध श्मशान स्थल में की जाती है। इसमें अमावस्या की मध्य रात्रि (आधी रात) को दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं। सवा किलो जौ के आटे से एक मानव आकृति बना कर उस पर सिंदूर लगा दें। अब इस पुतले का सामने रखकर उसकी प्राण संजीवन क्रिया करें।
इसके बाद अपने चारों ओर सुरक्षा घेरा बना कर दसों दिशाओं का बंधन करें। अब अपने गुरु और इष्टदेव को प्रणाम कर उनसे आज्ञा तथा आशीर्वाद लें। अंत में हकीक माला से निम्न मंत्र का जप करें।
ॐ शून्य पिण्डायै मनोवांछित कार्य सिद्धयै क्रीं क्रीं श्मशान कालिके भूत दाहनायै सिद्धयै फट्
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साधना में ध्यान रखें ये नियम
पूजा के बाद उस पुतले को दक्षिण दिशा की ओर जाकर रख दें। अब आपका एक दिन का प्रयोग पूर्ण होगा। इस प्रकार आपको लगातार 21 दिनों तक करना है। साधना पूरी होने के बाद साधक जिस भी वस्तु की इच्छा करेगा, वहीं शून्य हवा में प्राप्त हो जाया करेगी। यदि वह किसी असंभव कार्य को करना चाहेगा तो वह भी आसानी से कर सकेगा। हालांकि इस अनुष्ठान को केवल गुरु आज्ञा से ही पूर्ण किया जाना चाहिए, अन्यथा संकेट भी आ सकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।