Shanishchari Amavasya 2023: पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष का महीना चल रहा है। हिंदू धर्म में पितृपक्ष में श्राद्ध का बहुत ही अधिक महत्व होता है। पितृ पक्ष के पितरों को पिंडदान कर उन्हें याद किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अमावस्या तिथि सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। इस दिन कुछ उपाय करने से जातक काल सर्प दोष की की समस्या से मुक्ति पा सकता है।
शनिश्चरी अमावस्या 2023 तिथि (Shanishchari Amavasya 2023 Date)
पंचांग के अनुसार, पितृपक्ष में शनिश्चरी अमावस्या का योग बन रहा है। यह अमावस्या साल की आखिरी शनि अमावस्या मानी जा रही है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन शनिश्चरी अमावस्या के अलावा सर्वपितृ अमावस्या का भी योग बन रहा है। इन संयोग से शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से मुक्ति पा सकते हैं। जो जातक दिन पीपल की पूजा, तर्पण, दान और पिंडदान करता है, उसे शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है। तो आइए शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं।
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शनिश्चरी अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त (Shanishchari Amavasya 2023 Muhurat)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल शनिश्चरी अमावस्या 13 अक्टूबर रात 9 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 14 अक्टूबर 2023 रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। उदयातिथि के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या 14 अक्टूबर दिन शनिवार को पड़ेगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कुछ विशेष कार्य करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही घर में सुख-समृद्ध बना रहता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।