डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
Shani Sade Sati: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि देव जब कभी भी राशि परिवर्तन करते हैं, तो उसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, शनि 7 जनवरी 2023 को स्वराशि कुंभ में प्रवेश किए थे। शनि अगले साल तक इसी राशि में विराजमान रहने वाले हैं। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो चुकी है। शनिदेव साल 2024 और मार्च, 2025 तक कुंभ राशि में ही विचरण करेंगे। ऐसे में मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कुछ समय और झेलेंगे। फिर शनि देव जब 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर (प्रवेश) करेंगे तब कुंभ और मीन राशि वालों के अलावा मेष राशि के जातक भी शनि की साढ़ेसाती से ग्रसित हो जाएंगे।
2025 में इन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबिक, साल 2025 से 2027 जून तक मेष, वृषभ और मीन राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती परेशान करेगी। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, साल 2025 के बाद साल 2027 में 3 जून को शनि, मेष राशि में गोचर करेंगे। उस वक्त मेष, वृषभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।
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कुंभ राशि में विराजमान हैं शनिदेव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव किसी एक राशि में लगातर ढ़ाई साल तक रहते हैं। मतलब ये कि शनि देव ढ़ाई साल पर राशि परिवर्तन करते हैं। ऐसे में शनि देव को सभी 12 राशियों में संचरण करने में 29.5 साल का समय लगता है, यानि तकरीबन 30 साल। ऐसे में करीब 30 साल बाद शनि इस वक्त अपनी स्वराशि में विचरण कर रहे हैं। इस वक्त शनि देव कुंभ राशि में गोचर अवस्था में मौजूद हैं।