Thursday, 28 March, 2024

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Guruwar Ke Upay: गुरुवार को इन उपायों से आर्थिक स्थिति होती है मजबूत, बनने लगते हैं बिगड़े काम

Guruwar Ke Upay: आज साल 2022 के अगस्त महीने का दूसरा और सावन महीने का अंतिम गुरुवार है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक गुरुवार को विष्णु भगवान का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु को जगत का पालन हार भी कहा जाता है। विष्णु […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Aug 11, 2022 06:24
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Vishnu Bhagawan

Guruwar Ke Upay: आज साल 2022 के अगस्त महीने का दूसरा और सावन महीने का अंतिम गुरुवार है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक गुरुवार को विष्णु भगवान का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है।

भगवान विष्णु को जगत का पालन हार भी कहा जाता है। विष्णु भगवान के आशीर्वाद से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। भाग्य साथ नहीं दे रहा है या कोई भी समस्या चल रही है तो गुरुवार के दिन कुछ आसान उपाय करने से आपकी किस्मत बदल सकती है।

गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। गुरु (Guru) एक महत्वपूर्ण ग्रह है। बृहस्पति को देवताओं का गुरु भी कहा जाता है। धर्मिक ग्रंथों में बृहस्पति देव (Brihaspati Dev) की आराधना के कई तरीकों बताए गए हैं। जिन्हें करने से आपकी कुंडली का बृहस्पति (Brihaspati) मजबूत होगा और आपके सारे बिगड़े काम बन जाएंगे।

हिंदू शास्त्रों में बृहस्पतिवार को धन और समृद्धि के लिए खासतौर पर माना जाता है। भगवान विष्णु की आराधना के लिए बृहस्पतिवार का दिन सर्वोत्तम माना गया है। मान्यता के मुताबिक गुरुवार को भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से मनुष्य का जीवन सुखों से भर जाता है। गुरुवार को लक्ष्मी-नारायण दोनों की एक साथ पूजा करने से जीवन में खुशियां आती है और पति-पत्नी के बीच कभी दूरियां नहीं आतीं। साथ ही धन में भी वृद्ध‍ि होती है।

जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं जिनका हम चाहते हुए भी हल नहीं निकल पाते है। कुछ समस्याएं जैसे कड़ी मेहनत करने पर भी हमें उसका फल नहीं मिलता। सही जीवनसाथी की तलाश खत्म नहीं होती। घरेलू समस्याएं, मानसिक तनाव जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए गुरुवार को पूजा करने से सुख शांति मिलती है। इतना ही नही अगर कुंडली में अगर गुरु खराब है तो मनुष्य अपने जीवन में कभी भी तरक्की नही कर सकता। गुरु को धन, वैवाहिक जीवन और संतान का कारक भी माना जाता है।

गुरुवार को केसर, पीला चंदन या फिर हल्दी का दान करना बहुत शुभ माना गया है। ऐसा करने से गुरु मजबूत होता है, जिससे आरोग्य और सुख की वृद्धि होती है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास होता है। अगर आप इनका दान नहीं कर पाते हैं तो कोई बात नहीं इन्हें तिलक के रूप में लगाने से भी लाभ मिलता है इस दिन अगर आप कुछ उपाय करते हैं तो आपको जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या की नहीं होगी।

तो चलिए जानते हैं गुरुवार के इन उपायों के बारे में…

गुरुवार के उपाय (Guruwar ke Upay)

  • ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
  • स्नान के समय ‘ॐ बृ बृहस्पते नमः’ का जाप भी करें।
  • गुरु के भी प्रकार के दोष को दूर करने के लिए आप गुरुवार के दिन नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें।
  • इसके साथ ही साथ नहाते वक्त “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप जरूर जाप करें।
  • गुरुवार का व्रत रखें और केले के पौधे में जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें। ऐसा करने से विवाह में आने वाली रुकावटों का समाधान होता है और अगर आप विवाहित हैं तो आपके वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती।
  • स्नान के बाद पीले रंग को वस्त्र धारण करें।
  • स्नान के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा व चित्र का सामने घी का दीया जलाएं।
  • भगवान विष्णु को पीले रंग के फूलों के साथ तुलसी का एक छोटा सा पत्ता अर्पित करें।
  • अपने माथे पर हल्दी, चंदन या केसर का तिलक धारण करें।
  • मान्यता के मुताबिक भगवान बृहस्पति को पीले रंग की चीजें बहुत पसंद हैं। इसलिए इस दिन ब्राह्मणों को पीले रंग की वस्तुएं जैसे- चने की दाल, फल आदि दान करें।
  • इस दिन सुबह के समय चने की दाल और थोड़ा-सा गुड़ को घर के मुख्य द्वार पर रखें।
  • इस दिन को धार्मिक महत्व के लिहाज भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। घर में धन की बरक्कत के लिए गुरुवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन पीले रंग की चीजों को विशेष महत्व दिया जाता है।
  • गुरुवार के दिन न तो किसी को उधार दें और न हीं किसी से उधार लें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी कुंडली में गुरु की स्थिति खराब हो सकती है और आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
  • अगर आप गुरुवार का व्रत रखते हैं तो, इस दिन सत्यनारायण की व्रत कथा जरूर सुनें या पढ़े।

गुरुवार के मंत्र (Guruwar Ke Mantra)

ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।

First published on: Aug 11, 2022 05:31 AM

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