Ram Katha Shri Ram Jatayu Interesting Story : राम सिया राम…भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य अयोध्या में पूरा हो चुका है और हर रोज राम कथा से संबंधित रोचक किस्सा और कहानियों पर चर्चा कर रहे हैं। वहीं आज हम गिद्धराज जटायु की रोचक कथा आपके साथ शेयर कर रहे हैं। तो आइए पढ़ें भक्तशिरोमणि जटायु की कथा…
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कपटी मृग रूपी मारीच का वध करने के बाद भगवान श्रीराम और लक्ष्मण अपनी कुटिया में आते हैं और वहां जनक नंदनी माता सीता ना पाकर दुखी हो जाते हैं। इसके बाद वे जानकी जी की खोज वन और नदी आदि के तट पर करते हैं, लेकिन उन्हें सीता जी का कहीं पता ना चला।
सीताजी की खोज करते हुए भगवान श्रीराम दण्डकारण्य के भीतरी क्षेत्र में जाते हैं और वहां पर वे गिद्धराज जटायु को मरणासन्न अवस्था में पाते हैं और दुखी हो जाते हैं। साथ ही अपने भाई लक्ष्मण समेत श्रीराम विलाप करते हैं।
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गिद्धराज जटायु को देखकर भगवान श्रीराम ने उन्हें अपनी गोद में उठा लिया और उनके घायल अवस्था में होने का कारण पूछा। इसके बाद जटायु भगवान श्रीराम को माता सीता के हरण का समाचार बताते हैं और कहते हैं हे राम जानकी जी को लंकापति रावण उठाकर ले गया है और जब मैंने सीता जी को उसके चंगुल से छुड़ाना चाहा तो उसने अपनी खड़ग से मेरे पंख काट दिए। जिसके बाद मैं पृथ्वी पर पड़ा आपकी ही राह देख रहा है। ऐसा कहकर गिद्धराज जटायु का शरीर प्राणहीन होकर धरती पर लुढ़क गया।
जटायु के शरीर त्यागने के बाद भगवान श्रीराम की आंखों में आंसुओं की धारा बहने लगी और श्रीराम ने पिता के समान गिद्धराज जटायु का अंतिम संस्कार किया और सभी आवश्यक पितृकर्म पूरे किए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धर्मग्रंथों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।