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कौन-सा रंग है किस ग्रह से संबंधित? जानें महत्व और जीवन पर इसका प्रभाव

Planet and Colour: वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के साथ उनसे जुड़े रंगों को भी बहुत महत्व दिया गया है। जिसका व्यक्ति के स्वाभाव, काम और काम के परिणाम पर गहरा असर होता है। आइए जानते हैं कि कौन-सा रंग है किस ग्रह से संबंधित है, उसका महत्व क्या है और जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

Edited By : Shyam Nandan | May 24, 2024 08:51
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Planet and Colour: वैदिक ज्योतिष में नवग्रह की संकल्पना है, जिसमें सात (7) ग्रह दृश्य हैं यानी दिखते हैं, जबकि दो (2) ग्रह अदृश्य हैं। सूर्य, चंद्रमा, बुध, मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि दिखने वाले, जबकि राहु और केतु अदृश्य यानी नहीं दिखने वाले ग्रह हैं। राहु और केतु को ‘छाया ग्रह’ माना गया है। इन नौ ग्रहों के लिए ज्योतिष शास्त्र में रंग निर्धारित हैं, जो उस ग्रह की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं। बता दें, ज्योतिष शास्त्र की शाखा ‘रत्न विज्ञान’ के अनुसार, ग्रहों से संबंधित रंगों के रत्न, वस्त्र या वस्तुएं धारण कर ग्रहों के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाया जा सकता है। आइए जानते हैं, कौन-सा रंग है किस ग्रह से संबंधित है, उनका महत्व और जीवन पर प्रभाव क्या है?

ग्रहों के रंग, महत्व और प्रभाव

सूर्य: सुनहरा और पीला नौ ग्रहों के स्वामी सूर्य के प्राथमिक रंग हैं, जबकि लाल इनका द्वितीयक या वैकल्पिक रंग है। आत्मविश्वास, नेतृत्व, ऊर्जा और स्वास्थ्य के लिए ये रंग अच्छे माने गए हैं।

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चंद्रमा: सफेद रंग को चंद्रमा से सबंधित माना गया है, जो मन, कल्पना, मेमोरी पॉवर आदि के लिए बढ़िया होता है।

बुध: हरा रंग बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जो बुद्धि, वाणी, व्यापार और चंचलता के उत्तरदायी है।

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मंगल: लाल रंग इस ग्रह का प्राथमिक रंग है। यह रंग साहस, शक्ति, इच्छाशक्ति और भूमि से संबंधित माना गया है।

बृहस्पति: गुरु ग्रह बृहस्पति का प्राथमिक रंग पीला और द्वितीयक रंग नारंगी है। इन रंगों को ज्ञान, शिक्षा, विवाह और भाग्यवृद्धि के लिए शुभ माना गया है।

शनि: काला रंग शनि का प्राथमिक रंग, जबकि नीला इनका वैकल्पिक रंग है। इस रंग का संबंध कर्म, न्याय और अनुशासन से है। शनि के अशुभ होने पर ये रंग शुभ की जगह नकारात्मक असर डालते हैं।

राहु: भूरे रंग को राहु से संबंधित माना गया है, जिसे भ्रम, मोह और मानसिक अशांति का प्रतीक माना गया है।

केतु: ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह केतु के लिए धूसर यानी ग्रे (Gray) रंग निर्धारित किया गया है। यह रहस्य और गोपनीयता का प्रतीक है।

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ग्रहों के रंग का ज्योतिष में उपयोग

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों से जुड़े इन रंगों का उपयोग ज्योतिषीय अनुष्ठानों और उपचारों के साथ यज्ञ और पूजा में भी किया जाता है। मान्यता है कि संबंधित ग्रह का रत्न पहनने से लाभ होता है। ज्योतिषीय उपायों के लिए भी संबंधित ग्रहों से संबंधित रंग की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं, जैसे- बृहस्पति ग्रह के लिए पीली हल्दी के उपाय किए जाते हैं। आजकल वास्तु शास्त्र में भी घर, दुकान, प्रतिष्ठान और ऑफिस में सकारात्मक ऊर्जा के लिए ग्रहों से संबंधित रंगों का उपयोग किया जाता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: May 24, 2024 08:51 AM

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