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Panchak November 2022: 29 नवंबर से लगेगा अग्नि पंचक, इन कार्यों को करने से होगा जबरदस्त लाभ

Panchak November 2022: सनातन धर्म में ज्योतिष की परंपराओं के अनुसार पंचकों को अशुभ माना गया है। पंचक काल में शुभ कार्यों को करने का स्पष्ट निषेध किया गया है। इस काल में केवल अत्यावश्यक कार्य करने के लिए ही अनुमति दी गई है। उसमें भी कुछ नियमों का ध्यान रखना होता है ताकि पंचक […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Nov 9, 2022 18:10
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Panchak November 2022: सनातन धर्म में ज्योतिष की परंपराओं के अनुसार पंचकों को अशुभ माना गया है। पंचक काल में शुभ कार्यों को करने का स्पष्ट निषेध किया गया है। इस काल में केवल अत्यावश्यक कार्य करने के लिए ही अनुमति दी गई है। उसमें भी कुछ नियमों का ध्यान रखना होता है ताकि पंचक के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकें।

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क्या होता है पंचक

वस्तुतः जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि में होता है तब उस समयकाल को पंचक कहा जाता है। माना जाता है कि पंचकों में कोई भी कार्य किया जाए तो वह बार-बार होता है। उदाहरण के लिए पंचक के दौरान किसी घर में कोई मृत्यु हो जाए तो उस व्यक्ति के अंतिम संस्कार के समय प्रतीकात्मक रूप में 5 नारियल भी साथ रखे जाते हैं। ऐसा करने के पीछे मान्यता यह है कि अब परिवार के अन्य सदस्यों पर कोई विपदा नहीं आएगी और सभी सुरक्षित रहेंगे।

कब है नवंबर माह में पंचक (Panchak November 2022)

इस बार नवंबर माह में दो बार पंचक योग बना है। पहली बार पंचक 2 नवंबर (बुधवार) को शुरू हुआ था जो 7 नवंबर (सोमवार) को समाप्त हुआ। दूसरा पंचक 29 नवंबर (मंगलवार) को शुरू होकर 4 दिसंबर (रविवार) को समाप्त होगा। मंगलवार से शुरू होने के कारण इस पंचक को अग्नि पंचक भी कहा जाता है।

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पंचक में नहीं करने चाहिए ये शुभ कार्य

सामान्य तौर पर पंचक काल में कोई भी शुभ कार्य शुरु नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उसमें असफलता और दुख प्राप्त होते हैं। यदि बहुत ही जरूरी है तो किसी विद्वान ज्योतिषी से पूछ कर ही कार्य शुरू करें।

पंचक में इन कार्यों को करने से होगा फायदा

पंचक सदैव ही अशुभ भी नहीं होते हैं। यदि पंचक में दान-पुण्य तथा मंत्र जाप किया जाए तो उनका फल कई गुणा बढ़ जाता है। कई पंडित पंचक काल में ही श्राद्ध, तर्पण तथा अन्य कर्मकांड बताते हैं ताकि जन्मकुंडली में शनि, राहु और केतु ग्रह के प्रतिकूल प्रभाव को समाप्त कर उन्हें अनुकूल बनाया जा सकें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी पौराणिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। news24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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News24 हिंदी

First published on: Nov 09, 2022 12:30 PM

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