---विज्ञापन---

Ma Kali Mantra: सिर्फ एक बार पढ़ें काली का यह मंत्र, भूत-प्रेत-पिशाच-शत्रु-राहु-केतु-शनि सबसे पीछा छूटेगा

Ma Kali Mantra: आद्यशक्ति मां भगवती समस्त सृष्टि की मूल हैं। उन्हीं से यह सृष्टि प्रकट हुई है और प्रलयकाल में उन्हीं में लीन हो जाती है। जगत के समस्त चर-अचराचर जीव, पदार्थ, शक्तियां और दृश्य-अदृश्य सभी कुछ उन्हीं से जन्मे हैं। यही कारण है कि जब समस्त उपाय फेल हो जाते हैं, तब भगवती […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Mar 1, 2024 15:00
Share :
Ma Kali Mantra, kakaradi kali shatanama stotram, kali ke mantra, kali ke upay, tone totke, kali mata ke totke, kali puja, Bhavanyashtakam

Ma Kali Mantra: आद्यशक्ति मां भगवती समस्त सृष्टि की मूल हैं। उन्हीं से यह सृष्टि प्रकट हुई है और प्रलयकाल में उन्हीं में लीन हो जाती है। जगत के समस्त चर-अचराचर जीव, पदार्थ, शक्तियां और दृश्य-अदृश्य सभी कुछ उन्हीं से जन्मे हैं। यही कारण है कि जब समस्त उपाय फेल हो जाते हैं, तब भगवती की आराधना व्यक्ति को राह दिखाती है।

न केवल वैदिक ज्योतिष वरन पुराण, आगम तथा तंत्र के ग्रंथों में भी भगवती की स्तुति की गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उनका नाम लेने मात्र से समस्त शुभ-अशुभ शक्तियां परास्त हो जाती हैं। जन्मकुंडली के सभी नौ ग्रह उनके भक्तों के इशारों पर चलने लगते हैं। यदि आप भी कभी किसी ऐसे संकट में फंस जाएं जहां से निकलने का मार्ग न दिखाई दें तो उन्हें याद करें।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: Ekadashi Vrat: एकादशी के टोटके बना देते हैं बिगड़ी किस्मत, हर मनोकामना होती है पूरी

महाकाली भी उन्हीं मां भगवती का एक नाम है। उनके ककारादि काली शतनाम स्रोतम का केवल मात्र एक बार पाठ कर लेने से ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। उनका ककारादि स्रोत इस प्रकार है-

---विज्ञापन---

ककारादि काली शतनाम स्तोत्रम् (Ma Kali Mantra) 

श्रीदेव्युवाच

नमस्ते पार्वतीनाथ विश्वनाथ दयामय । ज्ञानात् परतरं नास्ति श्रुतं विश्वेश्वर प्रभो ॥1॥
दीनवन्धो दयासिन्धो विश्वेश्वर जगत्पते । इदानीं श्रोतुमिच्छामि गोप्यं परमकारणम् ।
रहस्यं कालिकायश्च तारायाश्च सुरोत्तम ॥2॥

यह भी पढ़ें: Numerology Today: अपनी डेट ऑफ बर्थ से जानिए कैसा रहेगा आपका भाग्य, यह है आसान उपाय

श्रीशिव उवाच

रहस्यं किं वदिष्यामि पञ्चवक्त्रैर्महेश्वरी ।
जिह्वाकोटिसहस्रैस्तु वक्त्रकोटिशतैरपि ॥3॥
वक्तुं न शक्यते तस्य माहात्म्यं वै कथञ्चन ।
तस्या रहस्यं गोप्यञ्च किं न जानासि शंकरी ॥4॥
स्वस्यैव चरितं वक्तुं समर्था स्वयमेव हि ।
अन्यथा नैव देवेशि ज्ञायते तत् कथञ्चन ॥5॥
कालिकायाः शतं नाम नाना तन्त्रे त्वया श्रुतम् ।
रहस्यं गोपनीयञ्च तत्रेऽस्मिन् जगदम्बिके ॥6॥
करालवदना काली कामिनी कमला कला ।
क्रियावती कोटराक्षी कामाक्ष्या कामसुन्दरी ॥7॥
कपाला च कराला च काली कात्यायनी कुहुः ।
कङ्काला कालदमना करुणा कमलार्च्चिता ॥8॥
कादम्बरी कालहरा कौतुकी कारणप्रिया ।
कृष्णा कृष्णप्रिया कृष्णपूजिता कृष्णवल्लभा ॥9॥
कृष्णापराजिता कृष्णप्रिया च कृष्णरूपिनी ।
कालिका कालरात्रीश्च कुलजा कुलपण्डिता ॥10॥
कुलधर्मप्रिया कामा काम्यकर्मविभूषिता ।
कुलप्रिया कुलरता कुलीनपरिपूजिता ॥11॥
कुलज्ञा कमलापूज्या कैलासनगभूषिता ।
कूटजा केशिनी काम्या कामदा कामपण्डिता ॥12॥
करालास्या च कन्दर्पकामिनी रूपशोभिता ।
कोलम्बका कोलरता केशिनी केशभूषिता ॥13॥
केशवस्यप्रिया काशा काश्मीरा केशवार्च्चिता ।
कामेश्वरी कामरुपा कामदानविभूषिता ॥14॥
कालहन्त्री कूर्ममांसप्रिया कूर्मादिपूजिता ।
कोलिनी करकाकारा करकर्मनिषेविणी ॥15॥
कटकेश्वरमध्यस्था कटकी कटकार्च्चिता ।
कटप्रिया कटरता कटकर्मनिषेविणी ॥16॥
कुमारीपूजनरता कुमारीगणसेविता ।
कुलाचारप्रिया कौलप्रिया कौलनिषेविणी ॥17॥
कुलीना कुलधर्मज्ञा कुलभीतिविमर्द्दिनी ।
कालधर्मप्रिया काम्य-नित्या कामस्वरूपिणी ॥18॥
कामरूपा कामहरा काममन्दिरपूजिता ।
कामागारस्वरूपा च कालाख्या कालभूषिता ॥19॥
क्रियाभक्तिरता काम्यानाञ्चैव कामदायिनी ।
कोलपुष्पम्बरा कोला निकोला कालहान्तरा ॥20॥
कौषिकी केतकी कुन्ती कुन्तलादिविभूषिता ।
इत्येवं शृणु चार्वङ्गि रहस्यं सर्वमङ्गलम् ॥21॥

यह भी पढ़ें: Dharma Karma: छप्पर फाड़ बरसेगा पैसा, आज अभी करें गणेशजी का यह उपाय

फलश्रुति

यः पठेत् परया भक्त्या स शिवो नात्र संशयः ।
शतनामप्रसादेन किं न सिद्धति भूतले ॥22॥
ब्रह्मा विष्णुश्च रुद्रश्च वासवाद्या दिवौकसः ।
रहस्यपठनाद्देवि सर्वे च विगतज्वराः ॥23॥
त्रिषु लोकेशु विश्वेशि सत्यं गोप्यमतः परम् ।
नास्ति नास्ति महामाये तन्त्रमध्ये कथञ्चन ॥24॥
सत्यं वचि महेशानि नातःपरतरं प्रिये ।
न गोलोके न वैकुण्ठे न च कैलासमन्दिरे ॥25॥
रात्रिवापि दिवाभागे यदि देवि सुरेश्वरी ।
प्रजपेद् भक्तिभावेन रहस्यस्तवमुत्तमम् ॥26॥
शतनाम प्रसादेन मन्त्रसिद्धिः प्रजायते ।
कुजवारे चतुर्द्दश्यां निशाभागे जपेत्तु यः ॥27॥
स कृती सर्वशास्त्रज्ञः स कुलीनः सदा शुचिः ।
स कुलज्ञः स कालज्ञः स धर्मज्ञो महीतले ॥28॥
रहस्य पठनात् कोटि-पुरश्चरणजं फलम् ।
प्राप्नोति देवदेवेशि सत्यं परमसुन्दरी ॥29॥
स्तवपाठाद् वरारोहे किं न सिद्धति भूतले ।
अणिमाद्यष्टसिद्धिश्च भवेत्येव न संशयः ॥30॥
रात्रौ बिल्वतलेऽश्वथ्थमूलेऽपराजितातले ।
प्रपठेत् कालिका-स्तोत्रं यथाशक्त्या महेश्वरी ॥31॥
शतवारप्रपठनान्मन्त्रसिद्धिर्भवेद्ध्रूवम् ।
नानातन्त्रं श्रुतं देवि मम वक्त्रात् सुरेश्वरी ॥32॥
मुण्डमालामहामन्त्रं महामन्त्रस्य साधनम् ।
भक्त्या भगवतीं दुर्गां दुःखदारिद्र्यनाशिनीम् ॥33॥
संस्मरेद् यो जपेद्ध्यायेत् स मुक्तो नात्र संशय ।
जीवन्मुक्तः स विज्ञेयस्तन्त्रभक्तिपरायणः ॥34॥
स साधको महाज्ञानी यश्च दुर्गापदानुगः ।
न च भक्तिर्न वाहभक्तिर्न मुक्तिनगनन्दिनि ॥35॥
विना दुर्गां जगद्धात्री निष्फलं जीवनं भभेत् ।
शक्तिमार्गरतो भूत्वा योहन्यमार्गे प्रधावति ॥36॥
न च शाक्तास्तस्य वक्त्रं परिपश्यन्ति शंकरी ।
विना तन्त्राद् विना मन्त्राद् विना यन्त्रान्महेश्वरी ॥37॥
न च भुक्तिश्च मुक्तिश्च जायते वरवर्णिनी ।
यथा गुरुर्महेशानि यथा च परमो गुरुः ॥38॥
तन्त्रावक्ता गुरुः साक्षाद् यथा च ज्ञानदः शिवः ।
तन्त्रञ्च तन्त्रवक्तारं निन्दन्ति तान्त्रीकीं क्रियाम् ॥39॥
ये जना भैरवास्तेषां मांसास्थिचर्वणोद्यताः ।
अतएव च तन्त्रज्ञं स निन्दन्ति कदाचन ।
न हस्तन्ति न हिंसन्ति न वदन्त्यन्यथा बुधा ॥40॥

॥ इति मुण्डमालातन्त्रेऽष्टमपटले देवीश्वर संवादे ककारादि काली शतनाम स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के ज्ञान पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

(sdyouthservices.org)

HISTORY

Edited By

Sunil Sharma

Edited By

rahul solanki

First published on: Mar 15, 2023 02:41 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें