Krishna Janmashtami: शास्त्रों में कहा गया है कि बच्चा गर्भावस्था के दौरान ही अनुभव करना और सीखना आरंभ कर देता है। इसका एक उदाहरण महाभारत में अभिमन्यु के रूप में भी दिया गया है। अर्जुन का पुत्र अभिमन्यु जब सुभद्रा के गर्भ में था, तभी उसने चक्रव्यूह तोड़ना सीख लिया था। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं में गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत सी ध्यान रखने योग्य बातें बताई गई हैं।
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धार्मिक परंपराओं को अनुसार यदि कोई कपल चाहता है कि उनका बच्चा सुंदर, नटखट तथा होनहार हों तो उन्हें गर्भवती महिला के कक्ष की सजावट भी बिल्कुल उसी तरह करनी चाहिए। इसके लिए सर्वोत्तम उपाय बताया गया है कि गर्भवती महिला के रुम में या उसके बिस्तर के ठीक सामने बालकृष्ण का चित्र रखना चाहिए। ऐसा करने से उस कमरे में पॉजिटिव एनर्जी आती है जो मां और उसके अजन्मे बच्चे दोनों के लिए शुभ रहती है। आइए जानते हैं कि बालकृष्ण की तस्वीर तथा प्रतिमा रखने से जुड़े नियम
बालकृष्ण की प्रतिमा से जुड़े ये नियम ध्यान रखें (Krishna Janmashtami)
- कमरे में बालकृष्ण की प्रतिमा अथवा चित्र को सदैव उत्तर अथवा पूर्व दिशा में रखना चाहिए। सबसे बड़ी बात, उनका मुख कभी भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। ऐसा चित्र घर में पॉजिटिव एनर्जी लाता है।
- यदि संभव हो तो उस रुम में कुछ ताजे पुष्प भी रखने चाहिए। ऐसा करने से रुम में एक अलग ही पॉजिटिव वाइब आती है जो गर्भवती महिला और उसके शिशु दोनों के लिए उत्तम रहती है।
- जहां कहीं भी बालकृष्ण की प्रतिमा या चित्र हों, वहां पर भूल कर भी झूठे बर्तन, गंदे कपड़े या फालतू सामान न रखें। यह एक वास्तु दोष हैं तथा ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इसका असर पूरे घर पर पड़ता है और दुर्भाग्य का आगमन होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।