Personality Traits: हस्तरेखा शास्त्र भारत की एक प्राचीन विद्या है। इस शास्त्र के अनुसार, हाथों की रेखाओं की तरह ही, उंगलियों का आकार भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में कई बातें बताता है। किसी की उंगलियां लंबी, छोटी, मोटी, पतली, झुकी हुई, कमजोर आदि हो सकती हैं। मान्यता है कि उंगलियों की लंबाई, चौड़ाई और एक-दूसरे के सापेक्ष स्थिति व्यक्ति के स्वभाव, गुण और दोषों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देती है। उंगलियों के आकार-प्रकार से आप न केवल अपने हाथों को समझ समझ सकते हैं और उंगलियों के आकार से अपने व्यक्तित्व के बारे में रोचक तथ्य जान सकते हैं, बल्कि दूसरों के नेचर को जान पाएंगे।
उंगलियों से जानें पर्सनालिटी के राज
तर्जनी उंगली
अंगूठे से सटी उंगली को तर्जनी कहते हैं। जिन लोगों की तर्जनी लंबी होती हैं, ऐसे लोग आत्मविश्वासी, नेतृत्व क्षमता वाले और काफी महत्वाकांक्षी होते हैं। वे अक्सर दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। वहीं, छोटी तर्जनी वाले लोग अक्सर शांत स्वभाव के, सहयोगी और दूसरों की परवाह करने वाले होते हैं।
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मध्यमा उंगली
हाथ की सबसे बड़ी उंगली मिड्ल फिंगर यानी मध्यमा कहलाती है। लंबी मध्यमा वाले लोग मेहनती, जिम्मेदार और व्यवहारिक होते हैं। वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। वहीं, छोटी मध्यमा के लोग रचनात्मक, कलात्मक और स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं।
अनामिका उंगली
अनामिका उंगली को रिंग फिंगर भी कहते हैं। जिन लोगों की अनामिका लंबी होती हैं, वैसे लोग काफी क्रिएटिव, इमोशनल और कलात्मक होते हैं। ऐसे लोग प्यार और रोमांस को खास महत्व देते हैं। वहीं, छोटी अनामिका वाले लोग व्यावहारिक, तर्कसंगत और बेहद प्रोफेशनल होते हैं।
कनिष्ठा उंगली
हाथ की सबसे छोटी उंगली को कनिष्ठा कहते हैं। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, लंबी कनिष्ठा वाले लोग बातचीत में काफी कुशल, बुद्धिमान और जिज्ञासु होते हैं। वे नए विचारों और अवधारणाओं को ग्रहण करने के लिए तैयार रहते हैं। दूसरी और, छोटी कनिष्ठा वाले लोग शर्मीले, अंतर्मुखी और संकोची होते हैं।
उंगलियों के बीच के अंतर बताते हैं ये राज
- तर्जनी और मध्यमा के बीच दूरी: यदि इन दोनों उंगलियों के बीच अधिक दूरी है, तो व्यक्ति स्वतंत्र विचारों वाला होता है।
- मध्यमा और अनामिका के बीच दूरी: यदि इन दोनों उंगलियों के बीच दूरी कम है, तो व्यक्ति संतुलित और शांत स्वभाव का होता है।
- अनामिका और कनिष्ठा के बीच दूरी: यदि इन दोनों उंगलियों के बीच दूरी अधिक है, तो व्यक्ति झगड़ालू और स्वार्थी हो सकता है।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, मोटी उंगलियां शारीरिक शक्ति और दृढ़ता को दर्शाती हैं, जबकि पतली उंगलियां संवेदनशीलता और रचनात्मकता को दर्शाती हैं। इस प्रकार केवल हाथों की लकीरें ही नहीं बल्कि उंगलियां भी बताती हैं कि आपका नेचर कैसा होगा!
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी हस्तरेखा शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।