Jyotish Tips: भारतीय संस्कृति में मां को व्यक्ति का प्रथम गुरु माना गया है। यदि मां प्रसन्न हो जाएं तो उस व्यक्ति को समस्त देवताओं का आशीर्वाद मिल जाता है। परन्तु यदि मां ही रुष्ट हो जाए तो ऐसे व्यक्ति को नर्क में भी जगह नहीं मिलती। ज्योतिष में भी मां को अत्यधिक महत्व दिया गया है।
पंडित कमलेश शास्त्री के अनुसार ज्योतिष में चन्द्रमा को मां का कारक बताया गया है। यदि किसी की जन्मकुंडली में चन्द्रमा प्रतिकूल हो या दुष्ट ग्रहों के प्रभाव में हो तो उसे व्यक्ति को मां की सेवा करनी चाहिए। इससे चन्द्रमा की अनुकूलता प्राप्त होती है।
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मां के आशीर्वाद से मिलेगी ग्रहों की अनुकूलता (Jyotish Tips)
- यदि जन्मकुंडली के प्रथम भाव में चन्द्रमा है तो उस व्यक्ति में अपनी मां के समस्त गुण होते हैं। यदि ऐसा व्यक्ति सदैव अपनी मां को प्रसन्न रखें तथा सेवा करें तो वह पूरे संसार में विजयी होता है।
- इसी प्रकार जन्मकुंडली के चौथे घर में चन्द्रमा होने पर व्यक्ति को सुबह उठते ही पैर छूने चाहिए। ऐसा करना जातक को सफलता की नई ऊंचाईयों पर पहुंचा देता है।
- अगर जन्मकुंडली के छठे, आठवें या बारहवें भाव में चन्द्रमा हो तो उस व्यक्ति को कई तरह के कष्ट उठाने पड़ते हैं। परन्तु ऐसा व्यक्ति प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेकर अपना कार्य आरंभ करें तो बड़ी से बड़ी विपरीत स्थिति भी अनुकूल बन जाती है। उस व्यक्ति को हर जगह सफलता मिलने लगती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।