Lord Ganesha Mantra: आद गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज के दिन किया गया कार्य सब पूर्ण होता है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को पूजा करने से सभी मान्यता पूरी होती है। कहा जाता है कि जो भी गणेश भगवान को प्रसन्न करता है, उसके जीवन में कभी भी किसी प्रकार की कोई समस्याएं नहीं आती है। तो आइए शास्त्र के अनुसार, जानते हैं कैसे गणपति बप्पा को प्रसन्न किया जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आज भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा के साथ कुछ मंत्रों का जप भी करना चाहिए। इन मंत्रों से भगवान गणेश बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे, भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए 5 चमत्कारी मंत्रों के बारे में, जिससे जाप करते ही आप पर भगवान गणेश तुरंत ही कृपा बरसाने लगेंगे। तो आइए उन 5 शक्तिशाली मंत्रों के बारे में जानते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश के इन पांच मंत्रों का जाप करने से जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाती है। इसके साथ ही जातक पर भगवान गणेश प्रसन्न हो जाते हैं। ज्योतिषियों द्वारा बताया गया है कि इन मंत्रों का जाप करने से ऊर्जा और शक्ति की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सकारात्मक परिणाम भी मिलते हैं।
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भगवान गणेश के 5 शक्तिशाली मंत्र
1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
2. विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
3. एकदन्ताय शुद्घाय सुमुखाय नमो नमः ।
प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने ॥
4. ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
5. ॐ नमो सिद्धि विनायकाय सर्व कार्य कर्त्रे सर्व विघ्न प्रशमनाय
सर्व राज्य वश्यकरणाय सर्वजन सर्वस्त्री पुरुष आकर्षणाय श्रीं ॐ स्वाहा ॥
6. महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
7. ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
8. गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
9. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥ एकदन्ताय विद्महे । वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
10. ॐ लम्बोदराय नमः
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।