Dharma Karma: गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस हिंदू धर्म का एक अप्रतिम तथा अद्भुत ग्रंथ है। इसमें काव्य के रूप में भगवान राम के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए स्थान-स्थान पर बहुत से मंत्रों का चौपाई के रूप में भी प्रयोग किया गया है। यदि भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ इन चौपाईयों का प्रयोग करें उसकी सभी समस्याएं खत्म हो सकती हैं।
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ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार रामचरितमानस में बहुत सी चौपाईयां मंत्रस्वरूप हैं। इनके अलग-अलग प्रयोग किए जाते हैं। इसी तरह की एक चौपाई है, “बंदउँ बालरूप सोइ रामू। सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू॥ मंगल भवन अमंगल हारी । द्रवहु सो दसरथ अजिर बिहारी॥”
अर्थात् मैं बालरूप श्रीराम जी की वंदना करता हूं जिनका नाम जपने से ही समस्त सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं जो कल्याण का भवन और अमंगल को हरने वाला है। महाराज दशरथ के आंगन में विहार करने वाले श्रीरामचन्द्रजी मुझपर प्रसन्न हों।
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कैसे करें इस चौपाई का प्रयोग (Dharma Karma)
किसी भी मंगलवार या शनिवार के दिन से इस चौपाई का अनुष्ठान करना होता है। रात्रि 9 बजे बाद स्नान आदि से निवृत्त होकर गणेशजी, हनुमानजी तथा राम दरबार की पूजा करें। उन्हें पुष्प, फल, प्रसाद आदि चढ़ाएं। इसके बाद इस चौपाई का 108 बार पाठ करें। इस प्रकार चौपाई का जप करने से व्यक्ति के समस्त कष्ट दूर होते हैं।
इस चौपाई का एक अन्य प्रयोग भी है। इस प्रयोग में आपको प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करना होता है। सुंदरकांड के पाठ में “मंगल भवन अमंगल हारी । द्रवहु सो दसरथ अजिर बिहारी॥” का संपुट लगाकर पाठ करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों की समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।