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Chhath Puja 2022: कौन हैं छठी मईया और क्यों की जाती है इनकी पूजा ?

Chhath Puja 2022: चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा की देशभर में तैयारी जोरों पर है। आज इस पर्व का पहला दिन यानी नहाय-खाय यानी कद्दू-भात है। इस महापर्व में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। इस त्योहार में गलती की कोई जगह नहीं होती। इस व्रत को करने के नियम इतने कठिन […]

Edited By : Pankaj Mishra | Oct 28, 2022 06:14
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Chhath Puja 2022: चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा की देशभर में तैयारी जोरों पर है। आज इस पर्व का पहला दिन यानी नहाय-खाय यानी कद्दू-भात है। इस महापर्व में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। इस त्योहार में गलती की कोई जगह नहीं होती। इस व्रत को करने के नियम इतने कठिन हैं कि इसे महापर्व और महाव्रत के नाम से भी जाना जाता है।

मान्यता के मुताबिक छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को खुश करने के लिए जीवन के महत्वपूर्ण अवयवों में सूर्य व जल की महत्ता को मानते हुए, इन्हें साक्षी मान कर भगवान सूर्य की आराधना तथा उनका धन्यवाद करते हुए मां गंगा-यमुना या किसी भी पवित्र नदी या पोखर के किनारे यह पूजा की जाती है।

षष्ठी मां यानी कि छठी मईया को बच्चों की रक्षा करने वाला देवी माना जाता हैं। इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है। मार्कण्डेय पुराण में इस बात का जिक्र है कि सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आप को छह भागों में विभाजित किया है। इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी के रूप में जाना जाता है, जो ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं। वो बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को इन्हीं देवी की पूजा की जाती है।

शिशु के जन्म के छह दिनों बाद इन्हीं देवी की पूजा की जाती है। इनकी प्रार्थना से बच्चे को स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घ आयु का आशीर्वाद मिलता है। जानकारों की मानें तो पुराणों में इन्हीं देवी का नाम कात्यायनी बताया गया है, जिनकी नवरात्रि की षष्ठी तिथि को पूजा की जाती है।

First published on: Oct 28, 2022 06:14 AM

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