Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, भारत और दुनिया के पहले अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाजशास्त्री, नीतिशास्त्री माने जाते हैं। उन्होंने अपनी नीतियों के जरिए मनुष्य को बहुत ही जरूरी और कड़े संदेश दिए हैं, जो आज भी उतने ही तर्कसंगत हैं, जितने अपने समय थे। उनकी नीतियां और विचार थोड़े कठोर लग सकते हैं, लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। भागदौड़ भरी जिंदगी में आप इन विचारों को नजरअंदाज ही क्यों न कर दें, लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे।
आचार्य चाणक्य (Aachaary Chanakya) ने चाणक्य नीति में ऐसी कई बातें बताई हैं, जिनका पालन करके आप और हम किसी भी समस्या से बाहर आ सकते हैं। उन्होंने अपने नीति शास्त्र के चौथे अध्याय में बताया है कि किन कारणों से बुढ़ापा जल्द आ जाता है। नीति शास्त्र के चौथे अध्याय के 17वें श्लोक में आचार्य चाणक्य ने स्त्री, पुरुष और घोड़े के बुढ़ापे के बारे में बताया है। चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए बताया है कि आखिर लोग कैसे जल्दी बूढ़े हो जाते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
अधवा जरा मनुष्याणां वाजिनां बन्धनं जरा।
अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणामातपो जरा।।
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के चौथे अध्याय के सत्रहवें श्लोक में लिखा है कि जो व्यक्ति हमेशा यात्रा करते हैं, वे जल्दी बुढ़ापे का शिकार हो जाते हैं। यात्रा की थकान व अव्यवस्थित खान-पान व्यक्ति के शरीर पर विपरीत असर डालता है।
घोड़ा स्वच्छंद विचरण करने वाला प्राणी हो जाता है। यहां तक कि एक कहावत यह भी है कि घोड़ा कभी बूढ़ा नहीं होता। लेकिन यदि मनुष्य ने घोड़े को पालतू बना लिया है और उसे सदा बांध कर रखता है तो वह जल्द ही बूढ़ा हो जाता है। क्योंकि यह इसकी शारीरिक प्रकृति के प्रतिकूल है।
स्त्रियों के बारे में आचार्य ने अपनी नीति (Chanakya Niti) में जो वर्णित किया है वह थोड़ा अटपटा है, लेकिन सत्य है। चाणक्य शास्त्र के मुताबिक, अगर पति अपनी पत्नी को शारीरिक सुख नहीं देता, तो वह असंतुष्ट रहती है और वह जल्द ही बूढ़ी हो जाती है। इसी तरह से मनुष्य के कपड़े धूप के कारण जल्दी फट जाते हैं अर्थात धूप उन्हें जल्दी बूढ़ा कर देती है।
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