---विज्ञापन---

Champa Shashti 2023: दिसंबर में कब है चंपा षष्ठी का व्रत, जानें शुभ तिथि व पूजा विधि

Champa Shashti 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी यानी स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। तो आइए इस खबर में जानते हैं इस साल चंपा षष्ठी यानी स्कंद षष्ठी कब है साथ ही पूजा विधि क्या है। विस्तार से जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Dec 17, 2023 15:52
Share :
Champa Shashti
Champa Shashti

Champa Shashti 2023:  हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को चंपा षष्ठी, गुहा षष्ठी या अन्नपूर्णा षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल स्कंद षष्ठी या चंपा षष्ठी 18 दिसंबर 2023 दिन सोमवार को है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र देव कार्तिकेय और देव खंडोबा बाबा की विधि विधान से पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खंडोबा बाबा को मार्तण्ड भैरव और मल्हारी नामों से भी जाना जाता है। यह भगवान शिव का दूसरा रूप है।

---विज्ञापन---

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कार्तिकेय की विधि-विधान से पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन जो जातक व्रत रखते हैं, उन्हें भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। चंपा षष्ठी या स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।

यह भी पढ़ें-  पंडित सुरेश पांडेय से जानिए माला जाप करने के खास नियम,

---विज्ञापन---

स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चंपा षष्ठी 18 दिसंबर 2023 दिन सोमवार यानी कल मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, षष्ठी तिथि की शुरुआत 17 दिसंबर को शाम 8 बजकर 41 मिनट से हो रही है, वहीं समाप्ति 18 दिसंबर को शाम 6 बजकर 22 मिनट पर होगी।

पूजा के लिए अमृत शुभ मुहूर्त सुबह के 5 बजे से लेकर सुबह के 7 बजे तक है। वहीं शुभ मुहूर्त सुबह के 9 बजकर 42 मिनट से लेकर सुबह के 11 बजे तक रहेगा।

यह भी पढ़ें- सुख-शांति और समृद्धि के लिए खास हैं पांच वास्तु टिप्स

चंपा षष्ठी की पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी व्रत के दिन जातक को सुबह उठकर स्नान करें, उसके बाद संकल्प करें।

संकल्प लेने के बाद माता पार्वती और भगवान शिव के साथ कार्तिकेय जी की प्रतिमा की स्थापना करें।

मूर्ति स्थापना करने के बाद पूजा करें, पूजा में फूल, मौसमी फल, मेवा, जल, कलावा, दीपक, अक्षत, हल्दी, चंदन, दूध, गाय का घी, इत्र आदि चीजों से पूजा करें।

पूजा करने के बाद तीनों देवों की आरती करें साथ ही शाम के समय भजन-कीर्तन करें।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंपा षष्ठी के दिन फलाहार रहकर व्रत रखें। इससे भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

यह भी पढ़ें- कुंडली में किस तरह कर सकते हैं सूर्य ग्रह को मजबूत, जीवन हो जाएगा खुशहाल

डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

HISTORY

Written By

Raghvendra Tiwari

First published on: Dec 17, 2023 01:19 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें