Budhaditya Raj Yog: ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह का विशेष महत्व है। ग्रहों के राजकुमार के रूप में बुध देव स्वीकार किए गए हैं। ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि बुध की शुभ दृष्टि की वजह से जातक की बौद्धिक स्थिति मजबूत रहती है। इसके साथ ही जब कुंडली में बुध देव बली होते हैं तो जातक बिजनेस में खूब तरक्की करता है। बुध ग्रह की वजह से ही कोई व्यक्ति अच्छा वक्ता बन पाता है। इतना ही नहीं, बुध ग्रह से एक ऐसा राजयोग बनता है जो जातक के लिए अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना गया है। आइए जानते हैं कुंडली में बुध का कौन सा राजयोग जीवन के लिए शुभ फलदायी होता है।
बुधादित्य राजयोग का ज्योतिष में महत्व
ज्योतिषीय गणना में बुध और सूर्य की युति से बनने वाले योग को राजयोग कहा जाता है। कुंडली में बनने वाले इस राजयोग को बुधादित्य राजयोग कहा जाता है। यह बुधादित्य राजायोग इतना शुभ होता है कि इससे मिलने वाले फायदों की गिनती नहीं कर सकते। दरअसल ज्योतिष में बुध और सूर्य दोनों को शुभ ग्रह के रूप में देखा गया है। सूर्य जहां उच्च पद, स्वास्थ्य, प्रतिष्ठा, पिता इत्यादि के कारक माने जाते हैं, वहीं बुध को बिजनेस-व्यापार, बुधि इत्यादि का कारक माना जाता है। ऐसे में जब दोनों एक साथ किसी जातक की कुंडली में बैठते हैं तो ऐसे जातक बेहद ज्ञानी, अच्छे प्रवक्ता और समाज में खूब मान-सम्मान पाता है।
बुधादित्य राजयोग जिन जातकों की कुंडली में बनता है, वे अपनी बुद्धि से धन कमाने में कुशल होते हैं। इस राजयोग से युक्त जातक ज्यादातर वकालत के पेशे में, मीडिया में का कम्युनिकेशन के फील्ड में काम करने वाले होते हैं। साथ ही ये इस फिल्ड में ऊंचा मुकाम हासिल करते हैं।
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कब फलित होता है बुधादित्य राजयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य की जब भी किसी ग्रह के साथ युति होती है तो दूसरे ग्रह की अस्त होने की संभावना प्रबल हो जाती है। ऐसे में अगर सूर्य-बुध के बीच की दूरी 12 डिग्री से कम है तो बुद स्वतः अस्त हो जाएंगे। इस स्थिति में यह राजयोग फलित नहीं होता। हालांकि ऐसे में बुध की डिग्री को बढ़ने के लिए पन्ना धारण करने की सलाह दी जाती है।
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबिक, अगर कुंडली में सूर्य या बुध की डिग्री 6 से कम है या फिर 24 से अधिक है तो भी बुधादित्य राजयोग काम नहीं करेगा।
अगर कुंडली में सूर्य या बुध नीच के हैं तो ऐसी स्थिति में सूर्य-बुध से बना बुधादित्य राजयोग शुभ फल प्राप्त नहीं होता।
ज्योतिष शास्त्र में ऐसा उल्लेख मिलता है कि अगर सिंह, धनु या मीन लग्न की कुंडली में सूर्य या बुध 6ठे, 8वें या फिर 12वें भाव में हैं तो ऐसे में भी यह राजयोग काम नहीं करेगा।
हालांकि बाकी परिस्थतियों में बुध-सूर्य की युति से बनने वाला यह राजयोग अपना काम करते हुए जातक को शुभ फल प्रदान करेगा। कहा जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में बुध का यह राजयोग बनता है, वे राजा के समान अपना जीवन यापन करते हैं और समाज में अपनी अगल पहचान बनाते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।