---विज्ञापन---

5000 साल पुरानी…जिसे पीते हैं रोज, वह चाय पहली बार कैसे बनी थी? पढ़ें दिलचस्प कहानी

World Tea Day History of Discovery: आज विश्व चाय दिवस के मौके पर जानिए कि दिन की शुरुआत जिस चाय को पीकर करते हैं, वह पहली बार कैसे बनी थी? इतिहास करीब 5 हजार साल पुराना है और इसका चीन से खास कनेक्शन है। आइए जानते हैं, पहली चाय के बनने की कहानी...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: May 21, 2024 08:37
Share :
World Tea Day China King Discovered Tea
एक राजा से जुड़ी चाय के अस्तित्व में आने की कहानी।

Know The History of Tea Discovery: हर रोज दिन की शुरुआत लोग गर्म चाय के साथ करते हैं। पूरी दुनिया चाय की दीवानी है। किसी को दूध-पत्ती वाली चाय पसंद है तो किसी को बिल्कुल लाल कड़क चाय पसंद है। कोई तेज पत्ती वाली चाय पसंद करता है। चाय पीने के तरीके भी अलग-अलग हैं। कोई कप में तो कोई कुल्हड़ में चाय पीता है। किसी को स्टील के गिलास में चाय पीनी होती है। चाय सड़कों पर दिहाड़ी करने वालों से लेकर ऑफिसों में काम करने वाले लोगों का रुटीन होती है।

कई लोगों की तो चाय के बिना नींद ही नहीं खुलती। अमूमन लोग दिन में 3 से 4 बार चाय पीते हैं। सुबह और शाम के नाश्ते में तो स्नैक्स के साथ चाय होती ही है। आज हम चाय की बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि आज विश्व चाय दिवस है। आज हम इस मौके पर चाय के अस्तित्व में आने की दिलचस्प कहानी सुनाते हैं। आप जानना भी चाहेंगे कि जिसे रोज पीते हैं, वह चाय पहली बार कैसे बनी थी और किसने बनाई थी? इतिहास करीब 5 हजार साल पुराना है और कहानी भी काफी दिलचस्प है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:World Tea Day : दिन में कितनी चाय शरीर के लिए काफी? ICMR ने बताई डेली लिमिट

एक था राजा और बौद्ध भिक्षुओं से जुड़ी कहानी

इतिहास में दर्ज कहानियों के अनुसार, करीब 5 हजार साल पहले 2700 ईसापूर्व की बात है। शेंग नुंग चीन के राजा हुआ करते थे। एक दिन वे पेड़ के नीचे बैठे पानी उबाल रहे थे। इस दौरान पेड़ से टूटकर कुछ पत्तियां पानी में गिर गईं। जैसे ही पत्तियां उबलीं, पानी का रंग बदल गया और बहुत अच्छी खुशबू आने लगी। जब शेंग नुंग ने वह पानी पिया तो उन्हें इसका स्वाद काफी अच्छा लगा। उन्हें अपने शरीर में अजीब-सी हलचल महसूस हुई। सारा दिन वे चुस्त दुरुस्त रहे।

---विज्ञापन---

उन्होंने इस खुशबूदार स्वादिष्ट गर्म पानी को चीन की भाषा के अनुसर चा आ नाम दिया। एक कहानी छठी शताब्दी में चीन के बौद्ध भिक्षुओं से जुड़ी है। हुनान प्रांत के बौद्ध भिक्षु सोए बिना ध्यान लगाने के लिए एक पेड़ की पत्तियां चबाते थे। जब भी उन्हें नींद परेशान करने लगती तो वे पत्तियों को चबाने लगते। इस तरह वे करीब 7-7 साल तक ध्यान में लीन रहते थे। आगे जाकर इन पत्तियों को पानी में उबालकर पिया जाने लगा। स्वाद बढ़ाने के लिए कई चीजें मिलाई जाने लगीं।

यह भी पढ़ें:Tea With Cigarette: चाय-सुट्टा के कॉम्बिनेशन से बढ़ता है हार्ट अटैक से लेकर कैंसर का खतरा!

भारत में कैसे आई चाय?

भारत में चाय अंग्रेज लेकर आए। 19वीं सदी के आखिर में असम में चाय का बागान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगाया था। 1824 में बर्मा (म्यांमार) और असम में चाय के पौधे मिले, जो चीन के लोगों द्वारा लगाए गए थे। अंग्रेज़ों ने 1836 में भारत चाय का उत्पादन शुरू किया। 1867 में श्रीलंका में चाय बनने लगी थी। खेती के लिए चाय के बीज चीन से मंगाए जाते थे। आज असम के बागानों से देशभर में चाय आती है। दुनिया के कई देशों में भारत से ही चाय सप्लाई की जाती है।

चाय कितने प्रकार की होती है?

वाइट टी दूध और चाय की पत्तियों को उबालकर बनाई जाती है। इसमें चाय की पत्तियां कम और दूध ज्यादा होता है। बहुत से लोग ग्रीन टी पीते हैं। एशिया महाद्वीप में यही चाय सबसे पसंद की जाती है। ओलांग टी, चीन में परोसी जाने वाली चाय है। ब्लैक टी पानी में सिर्फ चाय की पत्तियां उबालकर बनाई जाती है। इनके अलावा हर्बल टी भारतीय पीते हैं।

यह भी पढ़ें:  Tea Drinking Benefits: चाय पीने से कोरोना का खतरा हो सकता है कम- Study

HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: May 21, 2024 07:54 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें