Nepal Gen-Z Protest LIVE: नेपाल में हिंसक आंदोलन अपने अंतिम चरण में आ चुका है। अभी तक देश के सर्वोच्चा नेता प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृहमंत्री समेत कई नेता इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं हालात सामान्य करने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। नेपाल के प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद अब राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी इस्तीफा दे दिया है। रामचंद्र नेपाल के तीसरे राष्ट्रपति थे। साल 2023 में वह राष्ट्रपति बने थे।
किसान परिवार से रखते हैं ताल्लुक
राम चंद्र पौडेल का जन्म 6 अक्टूबर 1944 को तनहुं जिले के व्यास नगर पालिका में स्थित सुदूर सतीस्वरा गांव में एक ब्राह्मण किसान परिवार में हुआ था। पौडेल ने अपनी माध्यमिक शिक्षा काठमांडू के नंदी रात्रि माध्यमिक विद्यालय से पूरी की। साल 1963 से 1967 तक संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत साहित्य का अध्ययन किया। रामचंद्र ने 1970 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से नेपाली साहित्य में एमए भी पूरा किया। पंचायत विरोधी गतिविधियों के लिए जेल में रहते हुए रामचंद्र ने अपनी परीक्षाएं दीं।
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16 साल की आयु में शुरू की राजनीति
राष्ट्रपति पौडेल ने साल 1960 में महज 16 वर्ष की आयु में राजनीति शुरू की। पौडेल बीपी कोइराला के नेतृत्व वाली सरकार को बर्खास्त करने और राजा महेंद्र द्वारा पंचायती राज लागू करने के विरुद्ध विरोध प्रदर्शनों और आंदोलन में शामिल हुए। इसके अलावा पौडेल ने 1960 के दशक में लोकतंत्र की बहाली के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में हुए कई सशस्त्र संघर्षों में भी भाग लिया। वह नेपाल में छात्र आंदोलन के एक प्रमुख प्रचारक भी रहे। साल 1967 में सरस्वती परिसर में छात्र संघ के अध्यक्ष और 1968 में डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट यूथ लीग के महासचिव चुने गए।
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1977 में मुख्य राजनीति में आए
छात्र राजनीति के बाद पौडेल ने साल 1977 में मुख्यधारा की पार्टी राजनीति में कदम रखा। पहले उन्हें नेपाली कांग्रेस तनहुन जिला समिति का सदस्य चुना गया। इसके बाद 1979 में जिला समिति के उपाध्यक्ष और 1980 में अध्यक्ष बनाए गए। साल 1983 में रामचंद्र पौडेल को नेपाली कांग्रेस की केंद्रीय प्रचार समिति का समन्वयक नियुक्त किया गया। बाद में उन्हें पार्टी की केंद्रीय समिति का सदस्य और पार्टी के केंद्रीय प्रचार ब्यूरो का प्रमुख नियुक्त किया गया।