अमेरिकी व्हाइट हाउस की तरफ से बताया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जल्द ही रक्षा विभाग के नाम को बदलने वाले आदेश पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। हाल ही में चीन की विक्ट्री परेड में आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया गया और दुनिया को अपनी ताकत दिखाई गई। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति ने इशारों-इशारों में अमेरिका को जवाब भी दिया था। अब माना जा रहा है कि अमेरिका ने इसका सांकेतिक जवाब देने का फैसला लिया है।
व्हाइट हाउस ने गुरुवार को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रक्षा विभाग (Department of Defense) का नाम बदलकर “युद्ध विभाग” (Department of War) कर रहे हैं, जिससे रक्षा विभाग को अधिक शक्तिशाली छवि प्रदान करने में मदद मिलेगी। यह ट्रंप की लंबे समय से चली आ रही इच्छा भी रही है। व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ट्रंप एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे, जो इस विशाल विभाग के लिए “द्वितीयक शीर्षक” के रूप में “युद्ध विभाग” के उपयोग की अनुमति देगा।
नाम बदलने से क्या फायदा?
फॉक्स न्यूज की मानें तो पेंटागन के ऐतिहासिक नाम को औपचारिक रूप से बहाल करने और रक्षा विभाग के नाम को बदलने का निर्देश अमेरिका की ‘योद्धा छवि’ के अभियान का एक हिस्सा है। अमेरिका अपनी छवि को और अधिक शक्तिशाली बनाने और दिखाने की कोशिश में यह कदम उठा रहा है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि हर कोई यही बात करता है कि जब यह युद्ध विभाग था, तब हमारे पास जीत का अविश्वसनीय इतिहास था। फिर हमने इसे रक्षा विभाग में बदल दिया। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ का भी कहना है कि हमने प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध रक्षा विभाग से नहीं, बल्कि युद्ध विभाग से जीते थे। हम सिर्फ रक्षा विभाग नहीं, बल्कि आक्रमण विभाग भी हैं। शब्द, नाम और उपाधियाँ मायने रखती हैं। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ को ही युद्ध सचिव बनाया जाना तय हुआ है।