USA Gold Card Visa: क्या आप अमेरिका की नागरिकता पाना चाहते हैं? अगर हां तो अब 5 मिलियन डॉलर (करीब 43.7 करोड़ रुपये) चुकाइए और सीधे ग्रीन कार्ड पाइए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नए ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा की घोषणा की है, जो EB-5 वीजा को पूरी तरह से खत्म कर देगा। इस योजना के तहत कोई भी अमीर व्यक्ति बिना बिजनेस में निवेश किए ही अमेरिका में स्थायी निवास और नागरिकता हासिल कर सकता है। लेकिन क्या यह वीजा वाकई लोगों के लिए फायदेमंद होगा? आइए जानते हैं इस नई योजना की पूरी जानकारी…
EB-5 वीजा खत्म, नया ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा आएगा
अमेरिका जल्द ही अपने लोकप्रिय EB-5 वीजा को खत्म करने जा रहा है और उसकी जगह एक नया और महंगा ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा लाने की योजना बना रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को इस नई योजना की घोषणा की, जिसके तहत 5 मिलियन डॉलर (करीब 43.7 करोड़ रुपये) चुकाने पर अमेरिका की स्थायी निवास और नागरिकता का रास्ता खुल जाएगा। ट्रंप प्रशासन ने इस योजना को कानूनी प्रवास को बढ़ावा देने का एक तरीका बताया है, जबकि अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। ट्रंप ने कहा कि यह योजना दो हफ्तों में लागू होगी, हालांकि इसकी प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है।
Replacing the EB-5 visa with a $5M ‘Gold Card’ is bold. Why create jobs when you can just buy citizenship? Who needs Ellis Island when America’s immigration motto is now ‘Cash Only, No Refunds’? pic.twitter.com/faB99vjdkI
— Jeremy Martinus (@JeremyMartinus) February 26, 2025
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‘गोल्ड कार्ड’ वीजा के नियम और प्रक्रिया
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस नए वीजा का नाम ‘गोल्ड कार्ड’ रखा है। उन्होंने बताया कि इससे लोगों को ग्रीन कार्ड जैसी सुविधाएं मिलेंगी। अमेरिका के Commerce Secretary Howard Latnick के मुताबिक, यह वीजा पुराने EB-5 की जगह लेगा, जिसमें निवेश के जरिए ग्रीन कार्ड मिलता था। पहले EB-5 वीजा के तहत निवेशकों को अमेरिका में किसी बिजनेस में पैसा लगाना पड़ता था। लेकिन ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा के लिए सीधे सरकार को 5 मिलियन डॉलर (50 लाख डॉलर) देने होंगे। लटनिक ने यह भी बताया कि इस वीजा के लिए सख्त जांच होगी और सिर्फ योग्य, भरोसेमंद और प्रतिष्ठित लोगों को ही इसे दिया जाएगा।
EB-5 वीजा की लोकप्रियता और बदलाव की वजह
EB-5 वीजा के तहत निवेशकों को अमेरिका में किसी परियोजना में 8 लाख डॉलर (करीब 6.5 करोड़ रुपये) लगाने होते थे और इसके बदले उन्हें ग्रीन कार्ड मिलता था। इस वीजा की मदद से भारतीय निवेशकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी थी, क्योंकि H-1B वीजा की अनिश्चितता और लंबी प्रतीक्षा अवधि के चलते कई पेशेवर लोग EB-5 को ज्यादा सुरक्षित विकल्प मान रहे थे। इस वीजा के तहत निवेशक शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में प्रोजेक्ट्स में निवेश कर सकते थे, जिससे उन्हें कुछ अतिरिक्त सुविधाएं मिलती थीं। लेकिन अब ट्रंप प्रशासन का कहना है कि EB-5 वीजा में धोखाधड़ी की संभावना अधिक थी और इसे खत्म करके नया ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा लाया जाएगा।
अमेरिका को होगा आर्थिक फायदा
ट्रंप ने कहा कि इस नए वीजा से अमेरिका को भी बड़ा आर्थिक फायदा होगा। उनका अनुमान है कि इस योजना के तहत लाखों गोल्ड कार्ड बेचे जा सकते हैं, जिससे सरकार को भारी राजस्व प्राप्त होगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कंपनियां इस वीजा को लेकर उत्साहित होंगी, क्योंकि यह उन्हें अपने टॉप टैलेंट को अमेरिका लाने का अवसर देगा। कई देशों में पहले से ही इस तरह के ‘गोल्डन वीजा’ प्रोग्राम मौजूद हैं, जैसे दुबई, न्यूजीलैंड और यूरोप के कई देश, जहां अमीर लोगों को निवेश के बदले स्थायी निवास दिया जाता है। अब देखना होगा कि अमेरिका का यह नया गोल्ड कार्ड वीजा लोगों को कितना पसंद आता है और इसे लागू करने में कितनी सफलता मिलती है।