जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। सीजफायर को लेकर भारत की दो टूक के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर बदल गए। उन्होंने कहा कि मैंने सीजफायर नहीं कराया, लेकिन मैंने पिछले सप्ताह पाकिस्तान और भारत के बीच समस्या को निश्चित रूप से सुलझाने में मदद की।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले कहा था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्ध विराम का समझौता कराया था। हालांकि, भारत ने ट्रंप के इस बयान को स्वीकार नहीं किया और कहा कि सीजफायर को लेकर पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय सेना के डीजीएमओ से संपर्क साधा था। बाद में भारत ने अपनी शर्तों पर सीजफायर किया। भारत की दो टूक के बाद ट्रंप अपने सीजफायर वाले बयान से पलट गए।
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#WATCH | Doha, Qatar | “I don’t want to say I did, but I sure as hell helped settle the problem between Pakistan and India last week, which was getting more and more hostile, and all of a sudden, you’ll start seeing missiles of a different type, and we got it settled. I hope I… pic.twitter.com/M8NlkK7uSu
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 15, 2025
मैंने मध्यस्थता नहीं कराई : ट्रंप
भारत-पाकिस्तान के युद्ध विराम को लेकर ट्रंप ने कतर की राजधानी दोहा में कहा कि मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने मध्यस्थता कराई, लेकिन मैंने पिछले हफ्ते दोनों देशों की समस्या को सुलझाने में मदद की, जो अधिक से अधिक शत्रुतापूर्ण होती जा रही थी। अगर सुलह समझौता नहीं होता तो अचानक से एक अलग प्रकार की मिसाइलों की लड़ाई देखने को मिलती। हमने इसे सुलझा लिया।
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लंबे समय से लड़ रहे थे भारत-पाकिस्तान : डोनाल्ड ट्रंप
उन्होंने कहा कि हमने भारत-पाकिस्तान से व्यापार के बारे में बात की। चलो व्यापार करते हैं। इससे पाकिस्तान बहुत खुश था और भारत भी। मुझे लगता है कि वे रास्ते पर हैं। ट्रंप ने आगे कहा कि वे लगभग 1000 सालों से लड़ रहे हैं, इसलिए मैंने ऐसा कहा। मैंने दोनों देशों को एक साथ लाने की कोशिश की, क्योंकि यह एक कठिन काम है। वे लंबे समय से लड़ रहे हैं। यह वास्तव में नियंत्रण से बाहर होने वाला था।
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इससे पहले केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के जवाबी हमलों में भारी क्षति पहुंचने के बाद पाकिस्तान ने गोलीबारी बंद करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा हम पाकिस्तानी सेना पर हमला नहीं कर रहे थे। ऐसे में पाकिस्तानी सेना के पास हस्तक्षेप न करने का अच्छा विकल्प था।