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दुनिया

पाकिस्तान पर मेहरबान डोनाल्ड ट्रंप, 61,94,54,48,287 रुपये की डील पक्की; भारत के लिए टेंशन की बात?

अमेरिका ने पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट्स के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और सपोर्ट बेचने के लिए $686 मिलियन की एक बड़ी आर्म्स डील को मंज़ूरी दे दी है. डॉन ने डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) के US कांग्रेस को लिखे लेटर का हवाला देते हुए बताया कि इस पैकेज में लिंक-16 सिस्टम, क्रिप्टोग्राफिक इक्विपमेंट, एवियोनिक्स अपडेट, ट्रेनिंग और कॉम्प्रिहेंसिव लॉजिस्टिक सपोर्ट शामिल हैं.

Author Written By: Versha Singh Updated: Dec 11, 2025 17:17

US–Pakistan major arms deal: अमेरिका ने पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट्स के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और सपोर्ट बेचने के लिए $686 मिलियन की एक बड़ी आर्म्स डील को मंज़ूरी दे दी है. डॉन ने डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) के US कांग्रेस को लिखे लेटर का हवाला देते हुए बताया कि इस पैकेज में लिंक-16 सिस्टम, क्रिप्टोग्राफिक इक्विपमेंट, एवियोनिक्स अपडेट, ट्रेनिंग और कॉम्प्रिहेंसिव लॉजिस्टिक सपोर्ट शामिल हैं.

यह जानकारी अमेरिकी संसद को भेज दी गई है. यह कदम भारत का भी ध्यान खींच रहा है, क्योंकि इस मंजूरी के बाद अब 30 दिनों तक कांग्रेस इस प्रस्ताव की जांच और समीक्षा करेगी.

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अमेरिकी डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) की तरफ से भेजे गए नोटिफिकेशन में कहा गया कि ‘पाकिस्तान के F-16 बेड़े को आधुनिक तकनीक से लैस करना जरूरी है, ताकि वह आतंकवाद-रोधी अभियानों में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के साथ इंटरऑपरेबल रह सके.’

आखिर क्या है इस डील का मकसद?

अमेरिका का दावा है कि इस अपग्रेड से क्षेत्रीय सैन्य संतुलन (India-Pak Balance) पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह संदेश भारत को आश्वस्त करने के लिए दिया गया है.

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जानकारी के अनुसार, इस डील का मकसद पाकिस्तान के F-16 फ्लीट को मॉडर्न बनाना और ऑपरेशनल सेफ्टी से जुड़ी चिंताओं को दूर करना है. DSCA लेटर के मुताबिक, F-16 बनाने वाली टेक्सास की लॉकहीड मार्टिन कंपनी इस डील के लिए मुख्य कॉन्ट्रैक्टर होगी.

US डिफेंस एजेंसी के लेटर में कहा गया है कि ‘इस प्रपोज़्ड सेल को लागू करने के लिए पाकिस्तान में किसी और US सरकार या कॉन्ट्रैक्टर रिप्रेज़ेंटेटिव को भेजने की जरूरत नहीं होगी और इस प्रपोज़्ड सेल की वजह से US डिफेंस की तैयारी पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा.’

इसमें कहा गया है कि टेक की बिक्री से “पाकिस्तान अपने ब्लॉक-52 और मिड लाइफ अपग्रेड F-16 फ्लीट को अपडेट और रिफर्बिश करके मौजूदा और भविष्य के खतरों से निपटने की अपनी क्षमता बनाए रखेगा।”

वहीं, पत्र में कहा गया है कि ‘ये अपडेट्स पाकिस्तान एयर फोर्स और US एयर फोर्स के बीच कॉम्बैट ऑपरेशन्स, एक्सरसाइज और ट्रेनिंग में “बिना रुकावट के इंटीग्रेशन और इंटरऑपरेबिलिटी” भी देंगे, और रिफर्बिशमेंट से एयरक्राफ्ट की लाइफ 2040 तक बढ़ जाएगी, साथ ही फ्लाइट सेफ्टी से जुड़ी जरूरी चिंताओं को भी दूर किया जाएगा.

कितने मिलियन डॉलर की है डील?

इस डील की कुल अनुमानित कीमत $686 मिलियन है, जिसमें बड़े डिफेंस इक्विपमेंट की कीमत $37 मिलियन और दूसरे आइटम की कीमत $649 मिलियन है. बड़े डिफेंस इक्विपमेंट (MDE) कंपोनेंट में 92 लिंक-16 डेटा लिंक सिस्टम और छह इनर्ट Mk-82 500 lb जनरल-पर्पस बम बॉडी शामिल हैं, जिनमें बिना एक्सप्लोसिव पेलोड के हथियार इंटीग्रेशन टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

इसमें लिंक-16 एक एडवांस्ड कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन और इंटेलिजेंस सिस्टम है. यह एक सुरक्षित, रियल-टाइम कम्युनिकेशन नेटवर्क है जो सहयोगी सेनाओं के बीच टैक्टिकल डेटा शेयर करता है और इसका इस्तेमाल US और सहयोगी NATO सेनाएं करती हैं. यह सिस्टम दुश्मन के हवाई और जमीनी एसेट्स से इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग को रोक सकता है.

यह वॉरफाइटर को सर्विलांस, आइडेंटिफिकेशन, एयर कंट्रोल, वेपन्स एंगेजमेंट कोऑर्डिनेशन और सभी सर्विसेज और एलाइड फोर्सेज के लिए डायरेक्शन जैसे जरूरी थिएटर फंक्शन भी देता है.

First published on: Dec 11, 2025 05:17 PM

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