Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने सोमवार को तुर्की के इंस्ताबुल में शांति बैठक की, लेकिन सीजफायर पर कोई सहमति नहीं बनी। इस मीटिंग के बाद एक बार फिर यूक्रेन ने ताबड़तोड़ ड्रोन हमले किए, जिससे रूस में ब्लैकआउट हो गया।
यूक्रेन ने सोमवार की रात को फिर रूस पर धावा बोल दिया, लेकिन ये हमला उस इलाकों पर था, जिसे रूस ने पिछले 3 सालों में यूक्रेन से छीन लिया था। यूक्रेन के ड्रोन हमलों से रूस में चारों ओर अंधेरा हो गया। यूक्रेन ने रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के खेरसॉन और जापोरिज्जिया क्षेत्रों में बिजली उपकेंद्रों को निशाना बनाया। मेलिटोपोल और पूरे जापोरिज्जिया क्षेत्र में स्थित एक उपकेंद्र पर हमला होने के बाद पूरी तरह से बिजली गुल हो गई।
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यूक्रेन ने रविवार को भी किया था हमला
आपको बता दें कि इससे पहले यूक्रेन ने रविवार को ऑपरेशन स्पाइडर चलाया था, जिसके तहत रूस के एयरबेस पर हमले किए गए। यूक्रेन ने ड्रोन हमले में रूस के 40 बॉम्बर्स को ध्वस्त कर दिया। इंस्ताबुल में 2 जून की हुई बैठक से एक दिन पहले और एक दिन बाद यूक्रेन की ओर से अटैक किए गए।
जानें इस्तांबुल की बैठक में क्या बनी सहमति?
तुर्की के इस्तांबुल में सोमवार को दूसरी शांति बैठक में रूस-यूक्रेन के बीच दस्तावेजों का लेन-देन हुआ। साथ ही बीमार और युवाओं-बच्चों कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी। इस दौरान यूक्रेन ने युद्धविराम की मांग की, लेकिन रूस 2-3 दिनों के लिए तैयार हुआ। युद्धविराम के दौरान दोनों देश युद्ध में मारे गए जवानों के शव एक-दूसरे को सौंपेंगे।
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रूस पर क्या बोले जेलेंस्की?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि कैदियों की अदला-बदली और बंधक बच्चों की वापसी दोनों देशों के बीच एक अच्छी शुरुआत है। अगर ऐसा हुआ तो अच्छा है, नहीं तो ईयू को रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने चाहिए। साथ ही यूएस को भी रूस पर नए प्रतिबंध लगाने चाहिए।